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    दरभंगा में थानाध्यक्ष पर कोर्ट की चोट, आखिर क्यों भरने पड़ेंगे पांच हजार रुपये?

    By Rahul Kumar Gupta Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Wed, 10 Dec 2025 04:12 PM (IST)

    दरभंगा में लहेरियासराय थानाध्यक्ष की लापरवाही के कारण न्यायालय में पुराने मामलों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। न्यायालय ने थानाध्यक्ष पर पांच हजार रु ...और पढ़ें

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    संवाद सहयोगी, दरभंगा। लहेरियासराय थानाध्यक्ष की लापरवाही के कारण न्यायालय में पुराने मामलों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। यह मामला न्यायालय में सामने आया। उत्पाद अधिनियम के विशेष न्यायाधीश श्रीराम झा की कोर्ट ने लहेरियासराय थानाध्यक्ष को पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।

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    साथ ही थानाध्यक्ष को कोर्ट में स्वयं उपस्थित होकर आरोपित के विरुद्ध जारी इश्तेहार और कुर्की का तामिला प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है। इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। शराब बंदी को लेकर सरकार और विभाग की गंभीरता के विपरीत थानाध्यक्ष की कार्यशैली चर्चा का विषय बना हुआ है।

    बताया जाता है कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के तहत न्यायालय को प्रतिदिन पांच पुराने वादों की सुनवाई करनी है। इसके तहत उत्पाद अधिनियम के विशेष न्यायाधीश श्रीराम झा की कोर्ट ने उत्पाद वाद संख्या 25/2008 से बने जीओ वाद संख्या 760/2017 की सुनवाई शुरू की।

    इस मामले के आरोपित लहेरियासराय थाना क्षेत्र के उर्दू बाजार नीम चौक निवासी प्रदीप कुमार महतो का जमानत बंध पत्र 19 नवंबर 2024 को रद्द कर दिया गया था। इसके विरुद्ध इश्तेहार और कुर्की आदेश निर्गत किया गया। उसके जमानतदार को भी नोटिस किया गया। बावजूद, थानाध्यक्ष ने न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया।

    इस बीच कोर्ट ने आठ दिसंबर 2025 को थानाध्यक्ष को तामिला से संबंधित प्रतिवेदन स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर दाखिल करने और अब तक आदेश का अनुपालन नहीं कराने के लिए स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया।

    बावजूद थानाध्यक्ष ने 17 वर्ष पूर्व के मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण से कोर्ट ने इस मामले को लापरवाही मानते हुए थानाध्यक्ष पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित करते हुए आरोपित के विरुद्ध जारी इश्तेहार और कुर्की का तामिला प्रतिवेदन स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर जमा करने का आदेश दिया है।

    अथवा आरोपित को गिरफ्तार कर 12 दिसंबर तक थानाध्यक्ष को स्वयं न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने इस आदेश की प्रति आवश्यक कार्रवाई के लिए एसएसपी को भेजा है। स्पेशल पीपी हरेराम साहू ने बताया कि उन्होंने थानाध्यक्ष को मोबाइल से सूचित कर तामिला प्रतिवेदन दाखिल करने को कहा है।