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    दरभंगा में अब बदलेगी पढ़ाई की रफ्तार, संस्कृत विश्वविद्यालय और बोर्ड मिलकर बनाएंगे शैक्षणिक कैलेंडर

    By Prince Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:51 PM (IST)

    दरभंगा में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में विश्वविद्यालय और बोर्ड मिलकर छात्रों का नामांकन बढ़ाने और शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापकों से छात्रों को उपशास्त्री में दाखिला दिलाने में सहयोग करने का आग्रह किया।

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    संस्कृत विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के साथ बैठक करते बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा। जागरण

    जागरण संवाददाता, दरभंगा। संस्कृत कालेजों व स्कूलों में छात्रों की संख्या कैसे बढ़े और उन्हें बेहतर समेकित शिक्षा प्रदान करने के मुद्दे पर सोमवार को बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

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    बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय और बोर्ड आपसी समन्वय स्थापित कर ज्यादा से ज्यादा बच्चों का नामांकन कराएगा। साथ ही उसे क्लास की तरफ मोड़ेगा। इतना ही नहीं, बोर्ड के चेयरमैन ने तो यहां तक कहा कि आगामी सत्रों के लिए बोर्ड एवं विश्वविद्यालय मिलकर शैक्षणिक कैलेंडर भी तैयार करेगा।

    यह कैलेंडर संस्कृत स्कूलों व विश्वविद्यालय दोनों के छात्रों के लिए प्रभावी रहेगा। इसके लिए एक खाका तैयार कर लिया गया है। उसे सिर्फ अमलीजामा देना शेष है। इसी क्रम में उन्होंने खासकर स्कूलों से आये प्रधानाध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों की सिर्फ मध्यमा उत्तीर्णता तक ही वे अपनी भूमिका नहीं समझे बल्कि विश्वविद्यालय से भी समन्वय व सम्पर्क स्थापित कर उन्हें यह जतन करना होगा कि बच्चे आगे भी संस्कृत पढ़े। इसके लिए उपशास्त्री में दाखिला बढ़ाने में भी उन्हें विश्वविद्यालय को सहयोग करना चाहिए।

    विश्वविद्यालय मुख्यालय में डा. रामसेवक झा के संयोजन में आहूत बैठक के दौरान प्रभारी कुलपति सह धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा द्वारा निकट भविष्य में प्रधानाचार्यों की एक वृहत कार्यशाला आयोजित किए जाने के प्रस्ताव पर आम सहमति बनी।

    विश्वविद्यालय के पीआरओ निशिकांत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा की मजबूती के लिए बोर्ड के अध्यक्ष बेहद ही संवेदनशील दिखे। वहीं शिक्षा शास्त्र के छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। इसलिए भी विश्वविद्यालय से उनकी आत्मीयता ज्यादा है। उन्होंने यहां भी बच्चों से स्कूलों में ज्यादा नामांकन कराने का आह्वान किया।

    बता दें कि की बैठक में लिए गए निर्णय अगर सतही रूप लेते हैं तो विश्वविद्यालय और बोर्ड दोनों की शैक्षणिक सेहत में अवश्य सुधार आएगा। जाहिर है मध्यमा उत्तीर्ण छात्र ही उपशास्त्री में नामांकन कराते हैं।

    मौके पर डीन प्रो. पुरेन्द्र वारिक, एफओ डा. पवन कुमार झा, सीसीडीसी डा. दिनेश झा, प्रो. दयानाथ झा, भूसम्पदा पदाधिकारी डा. उमेश झा, परीक्षा नियंत्रक डा. ध्रुव मिश्र, शिक्षा शास्त्र विभाग के निदेशक डा. घनश्याम मिश्र, प्रधानाचार्य डा. अमित कुमार चंदन, डा. रेणुका सिन्हा, डा. भगलू झा, अमन कुमार राय, गोपाल महतो, अमित कुमार भी मौजूद थे।