Bihar Politics: राजद में टिकट के दावेदारों की दोतरफा तैयारी, बागियों को मिलेगा तेज प्रताप का सहारा!
दरभंगा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजद में टिकट के दावेदार सक्रिय हैं। कई नेता तेज प्रताप यादव के साथ जाने की तैयारी में हैं खासकर जिन्हें पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद कम है। वे तेज प्रताप के माध्यम से बागी बनकर सामाजिक न्याय की चेतना जगाना चाहते हैं। इस बार गठबंधन में सीटों के बंटवारे के कारण कई नेता तेज प्रताप की ओर देख रहे हैं।

मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा। विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही घोषित नहीं हुई है, लेकिन टिकट के दावेदार खुलकर सामने आने लगे हैं।
राजद में भी इस तरह की स्थिति है। इसके कई नेता दोतरफा तैयारी में लगे हैं। वे राजद में टिकट के लिए लाइन तो लगाए ही हैं, तेज प्रताप यादव के साथ जाने को भी तैयार हैं।
साथ ही कई ने पार्टी के दिग्गज नेता को देख मान लिया है उन्हें टिकट नहीं मिलने वाला है। ऐसे में ये सभी राजद से टिकट नहीं मिलने पर तेज प्रताप के सहारे बागी के रूप में सामाजिक न्याय की चेतना जगाने के लिए क्षेत्र में जाने को आतुर हैं। तेज प्रताप का हाल के दिनों में जिले का दो दौरा व रोड शो इस ओर इशारा भी कर रहा।
दरभंगा जिले की 10 विधानसभा सीटों में 2020 के चुनाव में राजद ने जाले और बेनीपुर को छोड़कर आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें मात्र एक सीट दरभंगा ग्रामीण से ललित कुमार यादव की जीत हुई थी।
पिछली बार एनडीए के साथ रही वीआईपी इस बार महागठबंधन का हिस्सा है। उसने दो सीटों अलीनगर व गौड़ाबौराम पर जीत हासिल की थी। महागठबंधन में जो सीटों राजद के सहयोगियों को मिलने की संभावना है, वहां पहले से तैयारी कर रहे राजद नेता तेज प्रताप के साथ जाने की तैयारी में लगे हैं।
राजद के कई नेता दिखे तेज प्रताप के साथ
पिछले दिनों हायाघाट और कुशेश्वरस्थान सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में तेज प्रताप यादव ने समर्थकों के साथ रोड शो किया था। तब राजद से जुड़े पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष, दो जिला पार्षद, दर्जनों मुखिया सहित अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था।
तेज प्रताप ने हायाघाट क्षेत्र के उज्जैना में सभा को संबोधित कर अपने को दूसरा लालू प्रसाद यादव बताकर समर्थकों में जोश भरा था। बताया जाता है कि तेज प्रताप के लिए अंदर ही अंदर सभी सीटों से जुड़े कई बड़े नेता काम कर रहे हैं।
इसमें चुनाव लड़ने वाले नेताओं को जातीय समीकरण के तहत चिह्नित किया जा रहा है। कई तो दो कदम आगे बढ़कर अपने क्षेत्र में तेज प्रताप का कार्यक्रम भी ले रहे हैं।
इन नेताओं का कहना है कि समय नजदीक आने पर सबकुछ साफ हो जाएगा। वर्षों से पार्टी के खास लोग ही चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में नए कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिल रहा है। तेज प्रताप से किसी नए कार्यकर्ताओं को बैर नहीं है।
एक नेता ने कहा कि चुनाव लड़ना तो सभी का मौलिक अधिकार है। ऐसे में तेजस्वी और तेज प्रताप में कोई अंतर नहीं है। दोनों सामाजिक न्याय के पक्षधर हैं और एक ही परिवार के अलग-अलग दो फूल हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि कई ऐसे बागी तेज प्रताप के संपर्क में हैं, जो राजद और उसके प्रत्याशियों को झटका देने के लिए बेताब हैं।
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