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    पटरी पर नहीं लौटी गांव की अर्थव्यवस्था

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    Updated: Tue, 29 Nov 2016 01:16 AM (IST)

    नोटबंदी के एक पखवाड़ा से अघिक समय बीतने के बाद भी प्रभावित ग्रामीण अर्थ व्यवस्था आज तक पटरी पर नहीं लौटी है।

    दरभंगा। नोटबंदी के एक पखवाड़ा से अघिक समय बीतने के बाद भी प्रभावित ग्रामीण अर्थ व्यवस्था आज तक पटरी पर नहीं लौटी है। आमलोगों के साथ ही किसान - मजदूर व व्यवसायी भी काफी परेशान हैं। सिक्के और छोटे रुपयों के सहारे किसी तरह काम चला रहे हैं। लेकिन, तमाम परेशानियों के बावजूद लोग नोटबंदी को एक सही कदम बता रहे हैं। नोटबंदी के बाद आमलोगों को हो रही परेशानी की टोह लेने के लिए सोमवार को जागरण की टीम ने केवटी प्रखंडाधीन छतवन तथा बरही गांव का जायजा लिया। सभी ने एक स्वर में नोटबंदी की सराहना करते हुए कहा कि इस कदम से देश में नया सवेरा आएगा।

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    पचास दिन देशहित के लिए काफी अच्छा दिन लाएगा। हमलोग इस निर्णय के पक्ष में हैं। अच्छे दिन की परिकल्पना में हम ग्रामीण सहयोग करेंगे ।

    विनोद कुमार गामी, छतवन

    नोटबंदी से खेतीबारी एवं अन्य रोजमर्रा के जीवन में कठिनाई तो हो रही है। लेकिन, कालाधन के मुद्दे एवं देशहित में हम प्रधानमंत्री के साथ हैं।

    मिथिलेश कुमार मंडल, सरपंच छतवन

    प्रधानमंत्री के इस कदम से देश में नया सबेरा आएगा। थोड़ी कठिनाई तो हो रही है। लेकिन, आमजन उसे सहन करने के लिए संकल्पित हैं।

    रामपुकार यादव, बरही।

    बेहतर भविष्य के लिए सरकार का कदम ठीक है। इससे कालाधन के साथ ही भ्रष्टाचार तथा आतंकवाद पर अंकुश लगेगा। ईमानदार लोगों को सहूलियत होगी।

    अजय कुमार, बरही।