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    Prashant Kishor ने फिर मारी Nitish Kumar की चाहत पर चोट! 'लंगड़ी सरकार' पर बोले- चाय और नाश्ते से फर्क नहीं पड़ता

    By Sudhir Kumar ChaudharyEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 05 Dec 2023 06:53 PM (IST)

    जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर नीतीश कुमार को आईना दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि नीतीश कुमार देश के नेता नहीं बन सकते। प्रशांत किशोर ने कहा कि लंगड़ी सरकार चलाने वाले नेता को देश के लोग नेता नहीं मानते। पीके ने इस दौरान इंडी अलायंस को भी घेरा और बोले कि चाय-नाश्ता करने से फर्क नहीं पड़ता।

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    Prashant Kishor ने फिर मारी Nitish Kumar की चाहत पर चोट! (फाइल फोटो)

    संवाद सहयोगी, हनुमाननगर (दरभंगा)। Prashant Kishor On Nitish Kumar जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि 42 विधायकों की लंगड़ी सरकार चलाने वाले दल के नेता, जो कभी उछलकर कमल के साथ, तो कभी लालटेन के साथ चले जाते हैं। जिसको खुद भरोसा नहीं है कि वो कहां रहेंगे, उनको देश में कौन नेता बना रहा है, इस बारे में सिर्फ उनके लोगों को ही पता है।

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    आईएनडीआईए की बैठक में नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने के फैसले पर तंज कसते हुए मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उक्त बातें कही । वे दरभंगा के हनुमाननगर में पदयात्रा पर हैं।

    'आइए महाराष्ट्र को बिहार बना दीजिए'

    उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि जो देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है, जो बेरोजगारी और पलायन के लिए पूरे देश में जाना जा रहा है। उस राज्य के नेता को दूसरे राज्य के लोग और नेता मान जाएंगे कि आइए महाराष्ट्र को बिहार बना दीजिए। किस आधार पर वहां के लोग आपको नेता मानेंगे, आपके पास संख्या बल नहीं है, आपके पास चुनाव के लिए पैसा और संसाधन भी नहीं है। ऐसे में नेता कितनी भी बार मिलकर चाय और नाश्ता कर लें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

    '...अभिशाप की तरह देखते हैं'

    प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारे यहां जल को रिसोर्स की तरह नहीं, बल्कि अभिशाप की तरह देखते हैं, जबकि पानी बिहार की सबसे बड़ी ताकत हो सकती है।

    बता दें कि मंगलवार को पीके ने 8.5 किलोमीटर तक की पदयात्रा की। इस दौरान हनुमान नगर के फुलवरिया गांव से पदयात्रा की शुरुआत कर पंचोभ, हरिचंदा, गोधीयारी, भगेला, मोहम्मदपुर, भारौल, मुस्तफापुर, बहादुरपुर प्रखंड के तारालाही गांव से होते हुए तारालाही हाई स्कूल तक गए।

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