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बिहार में बाढ़ का कहर: अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिल रही जगह

बिहार में बाढ़ के कारण स्थिति भयावह हो चुकी है। श्‍मशान घाट पानी से भर गये हैं। अंतिम संस्‍कार के लिए जगह नहीं बची है। लोग सड़क किनारे अपने परिजनों का अंतिम संस्‍कार कर रहे हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 07:43 PM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 11:20 PM (IST)
बिहार में बाढ़ का कहर: अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिल रही जगह
बिहार में बाढ़ का कहर: अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिल रही जगह

दरभंगा [जेएनएन]। जिले की नदियों में उफान से खेतों व चौरों को लबालब करती बाढ़ ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है। भोजन के लिए अनाज नहीं, पहनने के लिए वस्त्र नहीं, बीमार हो जाएं तो दवाएं नहीं। चारों ओर जल ही जल।

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प्राकृतिक विपदा से लोग तंग-तबाह हैं। ज्यादातर बाढ़ पीडि़तों ने परिवार के साथ ऊंची जगहों पर शरण ले रखी है। गांव के नजदीक की सड़कें, फोरलेन व बांध बाढ़ पीडि़तों के आश्रय स्थल हैं।

जीना मुश्किल बन गया है। लेकिन, मरने के बाद भी समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। शहर में चार श्मशान घाट-एकमी घाट, भिगो, सतीस्थान घाट और सदर प्रखंड कार्यालय के समीप स्थित श्मशान घाट में बाढ़ का पानी भरा है। इसके कारण मौत के बाद सबसे बड़ी समस्या शवदाह या शवों पर मिट्टी डालने की है।

बाढ़ में डूबने, सर्पदंश या अन्य कारणों से अबतक यहां करीब दर्जनभर लोगों की मौत हुई है। संबंधित परिवार के लिए शवों का अंतिम संस्कार एक बड़ी समस्या है। शवदाह के लिए लकड़ी से लेकर स्थल की तलाश तक में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। जलावन तक नहीं मिल रहा। मिल भी रहा तो ऊंचे दाम पर।

गोईंठा की भी समस्या है। यहां तो जेब में पैसे नहीं और ऊपर से मोल भाव। इस परेशानी में ही लोगों ने इसका हल भी निकाल लिया है। जिन तटबंधों, सड़कों या फोरलेन के किनारे लोगों ने आश्रय ले रखा है, वहीं कुछ दूर आगे हटकर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

पानी में जाकर आम या इसी तरह की मुलायम लकडिय़ां काटकर लाई जा रही हैं और सड़कों पर चिता सजाई जा रही है। बगीचे के मालिक भी इस तरह की मौतों के लिए पेड़ों के काटे जाने पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज कर रहे। बीते एक सप्ताह में इस क्षेत्र में करीब ग्याहर लोगों की मौत हुई है। इनमें से दो व्यक्ति तो पानी में बह गए। उनकी लाश ही नहीं मिली कि अंतिम संस्कार किया जा सके। शेष का शवदाह सड़कों के किनारे ही किया गया।

एकमी घाट श्मशान के करीब दरभंगा-समस्तीपुर सड़क किनारे शनिवार को दो शवों का दाह संस्कार किया गया। मब्बी के समीप दरभंगा-मुजफ्फरपुर फोरलेन पर भी एक शवदाह किया गया। कमतौल में शुक्रवार को अल्पसंख्यक समुदाय की एक बच्ची की मौत हो गई। इसके शव को भी नजदीक के ऊंचे स्थान पर ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

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चारों ओर बाढ़ का पानी होने के कारण लोगों को दाह संस्कार में कठनाई हो रही है। ऊंचे स्थलों को चिह्नित कर दाह संस्कार कराने की व्यवस्था की जाएगी।
-डा. चंद्रशेखर सिंह
जिलाधिकारी, दरभंगा

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