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    पोखर पर सरकारी राशि से करा दिया अवैध निर्माण, घाट का रास्ता रुका तो विधायक ने DM को लिखा पत्र

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 03:30 PM (IST)

    विधायक स्वर्णा सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नारी पंचायत के नारी गांव स्थित तेतराही पोखर के भिंडा पर अवैध निर्माण की जांच और कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना एनओसी के निर्माण किया गया जिससे सार्वजनिक घाट बाधित हो गया है जिससे तनाव बढ़ रहा है। अंचलाधिकारी ने भी निर्माण को अनुचित बताया है।

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    तेतराही पोखर पर सरकारी राशि से करा दिया अवैध निर्माण

    संवाद सहयोगी, जागरण, गौड़ाबौराम। विधायक स्वर्णा सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नारी पंचायत के नारी गांव स्थित तेतराही पोखर (खाता संख्या 2196, नया खेसरा 148) के भिंडा पर सरकारी राशि से हुए कथित अवैध निर्माण की जांच और कार्रवाई की मांग की है।

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    विधायक ने पत्र में आरोप लगाया कि बिना किसी वैध एनओसी के पोखर के भिंडा पर बाथरूम, जेनरेटर घर, ईदगाह द्वार और चहारदीवारी जैसी कई संरचनाएं खड़ी कर दी गई हैं। इन निर्माणों के कारण पूर्व से सार्वजनिक उपयोग के लिए बने घाट को चारदीवारी से घेर दिया गया है।

    उन्होंने चेतावनी दी कि इस स्थिति से दो पक्षों के बीच तनाव और आक्रोश बढ़ रहा है, जो विधि-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है। अंचलाधिकारी की रिपोर्ट में भी स्पष्ट किया गया है कि यह भूमि पोखर का भिंडा है।

    रिपोर्ट के अनुसार, चहारदीवारी का निर्माण छठीं वित्त आयोग की “फील्ड यूनाइटेड योजना” से किया गया है। स्थलीय जांच में पाया गया कि चारदीवारी के कारण छठ घाटों को जोड़ने वाली भिंडा को पूरी तरह घेर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही और धार्मिक उपयोग प्रभावित हो रहा है।

    प्रखंड विकास पदाधिकारी ने केवल जल मीनार के निर्माण के लिए एनओसी स्वीकृत होने की बात स्वीकार की, जबकि चहारदीवारी और अन्य निर्माण के लिए बीपीआरओ की स्वीकृति का हवाला दिया। वहीं बीपीआरओ ने इन सभी कार्यों के लिए एनओसी मिलने की बात कही है।

    अंचलाधिकारी ने अपने पत्र में चहारदीवारी निर्माण को जल जीवन हरियाली योजना की भावना और विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से अनुचित ठहराया है। विधायक सिंह ने जिलाधिकारी से मांग की है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, दुरुपयोग की गई सरकारी राशि की वसूली हो और अविलंब पोखर के भिंडा से अतिक्रमण हटाकर इसे पूर्ववत सार्वजनिक उपयोग के लिए मुक्त कराया जाए।