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    LNMU News: आज दरभंगा पहुंचेगी NAAC की टीम, कल से शुरू करेगी निरीक्षण; तैयारी में जुटा विवि प्रशासन

    By Prince KumarEdited By: Prateek Jain
    Updated: Wed, 22 Nov 2023 12:01 AM (IST)

    ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को ग्रेड देने के लिए सात साल बाद नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) की टीम 22 नवंबर यानी बुधवार को दरभंगा पहुंचेगी। विश्वविद्यालय विभागों का 23 नवंबर यानी गुरुवार से 25 नवंबर-शनिवार तक निरीक्षण करेगी। टीम में महाराष्ट्र से प्रो. वजीर सिंह लकड़ा तमिलनाडु से प्रो. सीतारमण- के केरला से प्रो. मीरा केपी मेघालय से प्रो. उत्पल कुमार डी कर्नाटक से प्रो. सरोजनी शामिल रहेगीं।

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    LNMU News: आज दरभंगा पहुंचेगी NAAC की टीम, कल से शुरू करेगी निरीक्षण। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को ग्रेड देने के लिए सात साल बाद नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) की टीम 22 नवंबर यानी बुधवार को दरभंगा पहुंचेगी। विश्वविद्यालय विभागों का 23 नवंबर यानी गुरुवार से 25 नवंबर-शनिवार तक निरीक्षण करेगी।

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    टीम में महाराष्ट्र से प्रो. वजीर सिंह लकड़ा, तमिलनाडु से प्रो. सीतारमण- के, केरला से प्रो. मीरा केपी, मेघालय से प्रो. उत्पल कुमार डी, कर्नाटक से प्रो. सरोजनी शामिल रहेगीं। यानी छह में से कुल पांच सदस्य ही टीम में शामिल रहेंगे।

    सूत्रों की मानें तो एक सदस्य किसी कारणवश टीम में शामिल नहीं हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, टीम के पहुंचने के बाद निरीक्षण संबंधित विभागीय शेड्यूल पर अंतिम मुहर लगेगी।

    हर स्तर पर तैयारियों को परखा जा रहा

    इधर, अच्छी ग्रेडिंग पाने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करना चाहता है, इसलिए हर स्तर पर तैयारियों को परखा जा रहा है। विभागों ने नैक टीम को दिखाने के लिए प्रजेंटेशन तैयार कर लिया है, प्रजेंटेशन को चार से पांच स्तर पर परखा गया है।

    15 से 20 स्लाइड के प्रजेंटेशन में विभाग शुरू होने से अबतक का पूरा लेखा-जोखा है। क्लासरूम की टूटी कुर्सी-मेज को बदल दिया गया है। साफ-सफाई के साथ ही पोताई भी कर दी गई है।

    गार्डन की कटिंग करके सुंदर बनाया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन हर स्तर में खुद को अच्छा साबित करने में जुटा है।

    तैयारियों की निगरानी कार्यवाहक कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह खुद कर रहे हैं। प्रतिदिन हर विभाग में जाकर तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। पिछली बार नैक टीम 2015 में विश्वविद्यालय आई थी,जिसमें विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिला है।

    उपलब्धियां बताने विभाग में लगे पोस्टर

    विभाग अपनी उपलब्धि बताने के लिए आठ से 10 पोस्टर लगाए हैं। इसके अलावा यहां से पढ़ने वाले अभी तक कितने छात्रों का प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन किया गया है। कितने रेगुलर प्रोफेसर हैं, कितने अतिथि प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं। नेट, पीएचडी कितने छात्रों ने किया है। पांच सालों में प्रोफेसर ने कितने नेशनल-इंटरनेशनल सेमिनार में हिस्सा लिए, कितने शोध पत्र प्रकाशित करवाए, उन्हें इन पांच सालों में कितने सम्मान मिले हैं। इस सब बातों को बोर्ड के जरिए दर्शाया गया है।

    स्लाइड प्रजेंटेशन में इन बातों का रखेंगे विशेष ध्यान

    हर प्रोफेसर की पांच साल की उपलब्धि - प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित स्टूडेंट्स की संख्या - नेट, पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या - विभाग से पढ़कर निकले नामचीन हस्ती - विभाग की स्थापना, कितनी सीटें है, अबतक कितने हेड बन चुके हैं - रेगुलर प्रोफेसर की संख्या, अतिथि प्राध्यापकों की संख्या - कोर्स करने के बाद कहां-कहां रोजगार के अवसर मिलेंगे।

    इस आधार पर नैक की टीम करेगी मूल्यांकन

    निरीक्षण के दौरान नैक की टीम उस शिक्षण संस्थान में शिक्षण सुविधाएं, शिक्षकों का शैक्षणिक और शोध कार्य, वहां के रिजल्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, कर्मचारियों का वेतन, छात्रों को दी जाने वाली सुविधाएं (कैंटीन, हास्टल, खाना वगैरह) और विश्वविद्यालय का माहौल जैसे कई तरह का निरीक्षण करती है।

    इसी आधार पर नैक की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। इसके बाद उस शिक्षण संस्थान को सीजीपीए दिया जाता है और इसी के आधार पर ग्रेड जारी होते हैं।

    छात्रों को क्या होता है इससे फायदा

    नैक द्वारा की जाने वाली रेटिंग से छात्रों को शिक्षण संस्थान के बारे में सही जानकारी मिलती है। छात्रों को संस्थान के बारे में शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी जानकारी हासिल करने में आसानी होती है। नैक ग्रेडिंग के जरिए ही छात्र अपने लिए बेहतर विश्वविद्यालय की तलाश करते हैं। इतना ही नहीं, नैक ग्रेड से शिक्षण संस्थानों की पढ़ाई और डिग्रियों का महत्व भी निर्धारित होता है।

    नैक मूल्यांकन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। विभागाध्यक्षों को सभी जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सभी के सहयोग से हमलोग बेहतर ग्रेड हासिल करेंगे। - प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह, कुलपति, लनामिवि, दरभंगा।

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