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    Bihar Flood: फिर विकराल हो रही कोसी नदी, कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 06:52 PM (IST)

    गौड़ाबौराम के किरतपुर प्रखंड में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर है। कदवारा समेत कई गांव प्रभावित हैं जिससे 14 हजार लोग नाव से यात्रा करने को मजबूर हैं। सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है और गर्भवती महिलाओं व बीमारों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने सरकारी मदद की गुहार लगाई है।

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    कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से किरतपुर के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति गंभीर

    संवाद सहयोगी, गौड़ाबौराम। कोसी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से किरतपुर प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। उफनाती धारा ने दोनों तटबंधों के भीतर बसे कदवारा, वर्दीपुर, ककोरवा, नरकटिया भंडरिया, रामखेतरिया, रघुनाथपुर, रामपुर, चकला सहित कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है।

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    तेज बहाव के कारण गांवों के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह भंग है और करीब 14 हजार की आबादी के लिए नाव ही आवागमन का एकमात्र साधन बचा है।

    ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में लगी सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है। वर्दीपुर निवासी हरिशचंद्र मुखिया ने कहा कि हमारी महीनों की मेहनत पानी में डूब चुकी है। अब गांव से बाहर निकलने के लिए नाव पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

    रघुनाथपुर के शुभंकर राय ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि सोमवार से शुरू हुई और अब तक हालत बिगड़ती जा रही है। “गर्भवती महिलाओं व बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है। रात में तो लोग भगवान भरोसे ही रहते हैं।

    गांव की महिलाओं ने आपातकालीन सेवाओं की अनुपलब्धता पर नाराजगी जताई। कदवारा गांव की हेमंती देवी ने कहा कि सरकारी स्तर पर कोई एंबुलेंस या नाव की व्यवस्था नहीं है। गर्भवती महिलाएं और गंभीर मरीज सबसे अधिक परेशान हैं।

    इधर, रामपुर गांव निवासी सिंटू कुमार ने कहा कि बाढ़ के दौरान जब हर संपर्क मार्ग डूब जाता है तो पूरा गांव असहाय हो जाता है। लक्ष्मीपुर ककोरवा के मोहन यादव ने आशंका जताई कि अगर पानी का स्तर और बढ़ा तो ग्रामीणों को तरही घाट व तरवारा चौक तक विस्थापित होकर तटबंधों पर शरण लेनी पड़ेगी।

    इस बीच, गौड़ाबौराम की विधायक स्वर्णा सिंह ने पहले ही ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री को पत्र लिखकर नौला (सहरसा) से कदवारा तक की टूटी सड़क को अविलंब दुरुस्त करने की मांग की है।

    उनका कहना है कि सड़क की बदहाली ने सीमावर्ती गांवों के लोगों की समस्या और बढ़ा दी है। साथ ही सड़क के टूटने के कारण कदवारा गांव सहित आसपास के सभी गांवों में अनावश्यक रूप से बाढ़ की स्थिति बन गई है और फसलें बर्बाद हो रही हैं।

    कोसी परियोजना के कार्यपालक अभियंता केके भंडारी ने बताया कि मंगलवार की शाम तक दो लाख 77 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। बुधवार को एक लाख 36 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया।

    रघुनाथपुर गांव के निवासी ओम प्रकाश राय, लक्ष्मीपुर ककोरवा गांव के रमानंदन राय सहित कई ग्रामीणों ने नाव परिचालन की सरकारी व्यवस्था की मांग की है ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके ताकि जनहानि से बचाव हो सके। यह बाढ़ की शुरुआती चेतावनी मानी जा रही है और अगर जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा तो किरतपुर प्रखंड के बड़े हिस्से को और भीषण संकट झेलना पड़ सकता है।

    किरतपुर प्रखंड के भाजपा अध्यक्ष सह बीस सूत्री समिति अध्यक्ष मिथिलेश झा ने कहा कि कोसी नदी की उफनती धारा को लेकर लोगों को 29 सितंबर 2024 की भयावह रात की याद ताजा होने लगी है । तबाही का ऐसा मंजर अब तक देखा नहीं गया था। किरतपुर अंचलाधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि प्रशासन ने जांच टीम भेजा है। प्रभावित गांवों की स्थिति का आकलन किया जा रहा है।

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