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    Darbhanga News : हर बार जीत, हार का नामोनिशान नहीं, दो दिग्गजों के नाम अनोखा रिकार्ड

    By Mukesh Srivastava Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Sun, 19 Oct 2025 03:51 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मिथिला क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। दरभंगा, समस्तीपुर और मधुबनी जिले की 30 सीटों पर सभी दलों की नजर है। भाजपा के संजय सरावगी लगातार पांच बार से जीत रहे हैं और इस बार वे कर्पूरी ठाकुर और अब्दुल बारी सिद्दीकी के रिकॉर्ड की बराबरी करने की कोशिश में हैं। कई अन्य नेता भी लगातार कई बार विधायक बने हैं।

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    जननायक कर्पूरी ठाकुर और अब्दुल बारी सिद्दीकी। आर्काइव

    मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा । बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मिथिला राजनीति का केंद्र बन गया है। यहां के दरभंगा, समस्तीपुर और मधुबनी जिले के 30 सीटों पर एनडीए, आइएनडीआइए सहित प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की विशेष नजर है। 2020 के चुनाव में यहां एनडीए को 22 और आइएनडीआइए को आठ सीट प्राप्त हुई थी।

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    ऐसे में सभी दल परिणाम को अपने पाले में बदलने के लिए हर तिकड़म करने में जुटे हैं। लेकिन, कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं, जो इस चुनाव में जननायक कर्पूरी ठाकुर और अब्दुल बारी सिद्दीकी की तो नहीं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व मंत्री नागेंद्र झा, महावीर प्रसाद यादव, गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ओर रामदेव वर्मा के बराबर लगातार जीत दर्ज कर तीसरे योद्धा बनने को आतुर हैं।

    दरभंगा नगर से भाजपा के संजय सरावगी ने 2005 से लेकर अब तक के चुनाव में लगातार पांच बार जीत दर्ज की है। इस चुनाव में उनकी जीत होती है तो मिथिला के कर्पूरी ठाकुर और अब्दुल बारी सिद्दीकी के बाद लगातार सबसे अधिक जीत दर्ज करने वाले विधायक बन जाएंगे।

    इससे अधिक का रिकार्ड कर्पूरी ठाकुर और अब्दुल बारी सिद्दीकी के पास है। दोनों ने बिना चुनाव हारे लगातार सात बार जीत दर्ज की है। यह रिकार्ड अब तक इन दोनों के अलावा किसी के पास नहीं है। कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर के ताजपुर से 1952 से 72 और समस्तीपुर से 1977 में बिना रुकावट के विधायक बने । इसी तरह से उनके शिष्य अब्दुल बारी सिद्दीकी दरभंगा के बहेड़ा से 1995 से 2005 और अलीनगर से 2010 से 15 तक लगातार सात बार जीत दर्ज की है।


    पांच बार लगातार विधायक बनने वालों की संख्या आधा दर्जन 

    मिथिला के दरभंगा, समस्तीपुर और मधुबनी जिले में अब तक लगातार पांच बार विधायक बनने वालों की संख्या आधा दर्जन है। इसमें मधुबनी के झंझारपुर से पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने 1972 से लेकर 1990 तक विधायक रहें। समस्तीपुर के हसनपुर से गजेंद्र प्रसाद हिमांशु 1967 से लेकर 1980 तक लगातार जीत दर्ज करते रहे।

    हालांकि, 1985 में पिछड़ने के बाद उन्होंने 1990 में भी जीत दर्ज की। जबकि, विभूतिपुर से सीपीआई नेता रामदेव वर्मा ने 1990 से 2005 तक अपने क्षेत्र को लाल रखा। दरभंगा के मनीगाछी क्षेत्र से पूर्व मंत्री नागेंद्र झा 1967 से 1980 तक कांग्रेस के झ़ंडा को झुकने ने नहीं दिया। इसके बाद 1985 और 1990 में उनके पुत्र मदन मोहन झा अपने पिता की बागडोर को खींचने में कामयाब रहे। दरभंगा के घनश्यामनुर से राजद के पूर्व मंत्री स्व. महावीर प्रसाद यादव 1985 से लेकर 2005 के चुनाव में लगातार पांच बार विधायक बने।

     

    कई को मिला लगातार चार बार विधायक बनने का मौका 


    मिथिला में कई नेताओं को लगातार चार बार विधायक बनने का मौका मिला है। इसमें कई कई ऐसे भी हैं जो पांचवीं बार के लिए भी भाग्य आजमा रहे हैं। समस्तीपुर के दलसिंहसराय और दरभंगा के हायाघाट से कांग्रेस के पूर्व मंत्री स्व. बालेश्वर राम ने 1962 से 72 तक चार बार विधायक बने।

    दरभंगा के विलोपित मनीगाछी और ग्रामीण से ललित कुमार यादव 2005 के नवंबर से 2020 तक लगातार निर्वाचित हो रहे हैं। हालांकि, इससे पूर्व 1995 और 2000 में भी वे विधायक बने थे। लेकिन, 2005 के फरवरी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मधुबनी के मधेपुर से राधानंदन झा 1969 से 80 तक और मधुबनी क्षेत्र से रामदेव महतो ने 2000 से 2010 तक लगातार चार बार क्षेत्र अपने क्षेत्र का सेवा किया।