Jitiya Parv 2025: कौन हैं राजा जिमुतवाहन? जिनकी जितिया पर्व पर सुनाई जाती है कथा
केवटी में जितिया पर्व नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। यह पर्व पुत्रों की लम्बी आयु के लिए मनाया जाता है। व्रती महिलाएं उपवास रखेंगी और नमकीन व्यंजनों का भोग लगाएंगी। इस पर्व में राजा जिमुतवाहन की कथा का महत्व है। मरूआ और मटर खाने की परंपरा है जिससे संतानों को शक्ति मिलती है। बाजारों में चहल-पहल है और सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं।

संवाद सहयोगी, केवटी। पुत्र की दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना के लिए मनाया जाने वाला तीन दिवसीय पर्व जितिया शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ।
व्रती पर्व के दूसरे दिन रविवार को उपवास रखेंगी और तीसरे दिन सोमवार की सुबह नमकीन लजीज व्यंजनों का भोग लगा पारण करेंगी।
पर्व को लेकर क्षेत्र के व्रती महिलाओं में एक अलग उत्साह देखा जा रहा है। सब्जियों, फलों, परचून, श्रृंगार आदि की दुकानों में भीड़ देखी जा रही है। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गयी है।
क्या है मान्यता
क्यों खाते है मरूआ-मटर
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