Darbhanga : वीबी जी राम जी (मनरेगा) फंड में बड़ा खेल, ढाई करोड़ की गड़बड़ी सामने
Darbhanga Latest News : दरभंगा में वीबी जी राम जी (मनरेगा) फंड में ढाई करोड़ की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले के उजागर होने से क्षेत्र में ह ...और पढ़ें

इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा । जिले में विकसित भारत गारंटी फार रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण (वीबी जी राम जी) में ढाई करोड़ से अधिक की गड़बड़ी सामने आई है। इसका पर्दाफाश विभाग के लोकपाल अमरेंद्र कुमार ठाकुर ने किया है।
यह जांच उन्होंने जाले प्रखंड के पंचायत समिति सदस्य अनिकेत कुमार मिश्रा की शिकायत पर की है। सभी प्रखंडों में बिना निविदा आमंत्रित किए ही फर्जी इकाइयों को गलत जीएसटी चालान के आधार पर राशि भुगतान करने के मामले की जब लोकपाल ने जांच की तो आरोप सत्य पाया गया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल दो करोड़, 55 लाख, 58 हजार 453 रुपये की गड़बड़ी की बात सामने आई है। जांच के बाद लोकपाल ने इससे संबंधित वाद का निष्पादन करते हुए उप विकास आयुक्त को रिपोर्ट सौंप दी है। साथ ही जिलाधिकारी और ग्रामीण विकास विभाग, पटना के सचिव को इसकी प्रति प्रेषित कर दी है।
इसमें जिले के 18 प्रखंडों के कार्यक्रम पदाधिकारियों और लेखापालों के खिलाफ कार्रवाई करने की उन्होंने सिफारिश की है। साथ ही बेनीपुर के विद्यार्थी स्टेशनरी को छोड़ कर शेष सभी वेंडरों को काली सूची में डालने की अनुशंसा की है। बता दें कि वीबी जी राम जी (मनरेगा) में विभिन्न कार्यों के बदले आपूर्तिकर्ता को आकस्मिकता निधि से भुगतान करने का नियम है।
जिला अंकेक्षण प्रबंधक की मदद से की गई जांच
लोकपाल ने बताया कि जांच में जिला अंकेक्षण प्रबंधक प्रणय कुमार की मदद जांच में ली गई थी। भुगतान और खर्च संबंधी सभी प्रखंडों के कागजात की जांच की गई।
सभी लेखापाल से पूछताछ भी की गई। जांच से स्पष्ट हुआ कि सभी प्रखंडों में एमआईएस पोर्टल पर वेंडर को भुगतान में भारी गड़बड़ी की गई है। भुगतान के लिए बिल और अभिश्रव यथा प्राप्तियों व भुगतानों से संबंधित रिकार्ड में अनियमितताएं पाई गई। आकस्मिक व्यय के तहत भुगतान के लिए वेंडर चुनने में गड़बड़ी की गई।
वेंडरों का एग्रीमेंट नियमानुसार नहीं पाया गया। सभी प्रखंडों के कार्यक्रम पदाधिकारी, लेखापाल और वेंडरों ने मिलीभगत कर मनमाने ढंग से सरकारी राशि की लूट की है। ऐसी स्थिति में सभी के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करने की बात कही गई।
उधर, डीआरडीए सूत्रों की मानें तो यह पूरा मामला 20 करोड़ से अधिक का है। अगर इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाए तो कई सफेदपोश का नाम भी सामने आ जाएगा।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के जिला अंकेक्षण प्रबंधक और सभी प्रखंड के प्रोग्राम पदाधिकारी से इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण पूछा गया है।
आमना जौहरा, डीपीओ, वीबी जी राम जी, दरभंगा।

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