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    बिहार को एक और रेलवे लाइन, लहेरियासराय से सहरसा तक बिछाई जाएगी 95 किमी नई लाइन

    By Rahul Kumar Gupta Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 04:14 PM (IST)

    Indian Railways: दरभंगा के सांसद डा. गोपालजी ठाकुर ने कहा कि सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। अब शीघ्र ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इसके पूर्ण होने के बाद दरभंगा के साथ ही साथ मधेपुरा और सहरसा के लोगों को भी फायदा होगा। यातायात के साथ ही साथ माल ढुलाई के लिए भी यह बेहतर साबित होगा।

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    Railway News: इसके बन जाने से आने जाने में समय और संसाधन दोनों की बचत होगी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दरभंगा। Indian Railways: भारतीय रेल की ओर से बिहार के विकास के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। मिथिलांचल में हाल के दिनों में बहुत काम हुआ है। इसी क्रम में अब दरभंगा के लहेरियासराय से लेकर सहरसा तक नई लाइन बिछाई जाएगी।

    रेलवे मंत्रालय ने लहेरियासराय से सहरसा तक लगभग 95 किलोमीटर नई रेल लाइन की मंजूरी की सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। इसकी आधिकारिक घोषणा शीघ्र ही की जाएगी।

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    दरभंगा के सांसद सह रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य डा. गोपालजी ठाकुर ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 2376 करोड़ की लागत से 95 किलोमीटर लहेरियासराय तक बनने वाले नई रेल लाइन में कोसी नदी पर एक हाई लेबल पुल के साथ साथ 14 बड़े पुल,41 छोटे पुल तथा 72 अंडरपास बनेंगे।
    10 स्टेशन बनाए जाएंगे जिसकी कुल लंबाई में 70 किलोमीटर दरभंगा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हैं जबकि 25 किलोमीटर नई रेल लाइन सुपौल और मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में बनेगा।

    सांसद डा. ठाकुर ने लहेरियासराय से सहरसा प्रस्तावित नई रेल लाइन की महत्ता पर चर्चा करते हुए कहा कि यह नई रेल लाइन दरभंगा, बहादुरपुर, हायाघाट, बेनीपुर, अलीनगर, गौड़ाबौराम एवं कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा।

    क्योंकि इन विधानसभा क्षेत्र के सुदूर देहाती क्षेत्रों के लोगों का प्रशासनिक, न्यायिक, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिए दरभंगा आना जाना आसान हो जाएगा।

    आने जाने में समय और संसाधन दोनों की बचत होगी। कहा कि दरभंगा-सीतामढ़ी- रक्सौल- नरकटियागंज एवं मुजफ्फरपुर-सीतामढी 255 किलोमिटर रेल लाइन का दोहरीकरण का कार्य भी शीघ्र हो शुरू किए जाएंगे। जिससे रेलवे कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा।

    नई रेलवे लाइन की लगातार मांग उठ रही थी। इसके तैयार हो जाने के बाद मिथिलांचल का पूर्ण रूप से रेलवे मानचित्र पर जोड़ पाना संभव हो पाएगा। आवागमन में सुविधा के साथ ही साथ आर्थिक विकास का द्वार भी इससे खुलेगा।