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काली रात में खुद की मां ने फेंक दिया नवजात को, दूसरी आई सामने, अंत में बच्चा चाइल्ड लाइन के हवाले

दरभंगा। प्रखंड की लहवार पंचायत अंतर्गत पोखर टोल स्थित एक बाड़ी में गुरुवार की रात लावारिस स्थिति में एक नवजात बच्चे को उसकी मां ने फेंक दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 11:29 PM (IST)
काली रात में खुद की मां ने फेंक दिया नवजात को, दूसरी आई सामने, अंत में बच्चा चाइल्ड लाइन के हवाले
काली रात में खुद की मां ने फेंक दिया नवजात को, दूसरी आई सामने, अंत में बच्चा चाइल्ड लाइन के हवाले

दरभंगा। प्रखंड की लहवार पंचायत अंतर्गत पोखर टोल स्थित एक बाड़ी में गुरुवार की रात लावारिस स्थिति में एक नवजात बच्चे को उसकी मां ने फेंक दिया। हालांकि बच्चा अभी चाइल्ड लाइन की अभिरक्षा में सुरक्षित रखा गया है। बच्चा पोखर टोल निवासी मनोज कुमार पासवान के घर के बाड़ी में लावारिश हालत में मिला। बताया जाता है कि रात के करीब नौ बजे बाड़ी से बच्चे की रोने की आवाज पर मनोज की पत्नी राधा देवी ने जब बाड़ी में जाकर देखा तो सन्न रह गई। बेबस व निर्वस्त्र पड़ा बच्चा रो रहा था। राधा ने उक्त बच्चे को बाड़ी से उठाकर लाया और उसे दूध पिलाकर अपने पास रखा।

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इसी बीच चाइल्ड लाइन सब सेंटर केवटी को लावारिश हालत में बच्चा मिलने की गुप्त सूचना मिली। सूचना मिलने पर शुक्रवार की सुबह सब सेंटर के टीम मेम्बर भावना देवी व आतिश कुमार रंजन मनोज के घर पहुंचकर उक्त बच्चा को चाइल्ड लाइन को सौंपें जाने की बात कही । मगर राधा देवी और उसके पति मनोज द्वारा बच्चा देने से इन्कार करने पर टीम मेम्बरों ने दोनों पति - पत्नी से बातें की और दोनों को समझा - बुझाकर बच्चा को सौंपने को कहा । काफी मशक्कत के बाद समझाने - बुझाने के उपरांत दोनों माना और टीम मेम्बरों ने उक्त बच्चा को केवटी थाने पर लाया। टीम मेम्बरों ने इस संबंध में थाना में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने का आवेदन दिया जहां कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सामुदायिक चिकित्सा केंद्र रनवे - केवटी में लाकर बच्चा का स्वास्थ्य परीक्षण कराया । इसके बाद टीम मेम्बर उक्त बच्चा को सीडबलूसी दरभंगा ले गए। मौके पर टीम लीडर राहुल कुमार सिंह व टीम मेम्बर लाला शिव कुमार भी मौजूद थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक बच्चे को देखने से पता चल रहा है कि उसको किसी महिला द्वारा रात में ही अपनी लाज बचाने की खातिर मनोज के बाड़ी फेंक दिया गया था। लेकिन, एक कहावत है कि जाको राखे साईंया मार सके न कोय। भगवान की कृपा से बच्चा सुनसान बाड़ी में पड़ा रहा लेकिन उसे खरोंच तक नहीं आई।

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