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    Gaura Bauram vidhan sabha Seat 2025: कुछ तस्वीर बदली...सूरत बदलनी बाकी

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 04:44 PM (IST)

    Gaura Bauram Assembly Seat 2025 कोसी और कमला बलान जैसी नदियों की मार झेलने वाले इस क्षेत्र में बाढ़ और मूलभूत समस्याएं प्रमुख मुद्दा है। चुनाव जीतने के कुछ महीने बाद ही स्वर्णा सिंह ने वीआइपी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। हालांकि पिछले पांच वर्षों में कई कार्य हुए हैं। इससे तस्वीर बदली है लेकिन अभी बहुत काम बाकी है।

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    स्वर्णा सिंह, विधायक, गौड़ाबौराम । सौ. स्वयं

    विमलेंदु कुमार, गौड़ाबौराम (दरभंगा)। Bihar Vidhan sabha Chunav 2025 / Gaura Bauram vidhan sabha Seat 2025 / Gaura Bauram Assembly Seat 2025: जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है गौड़ाबौराम विधानसभा क्षेत्र। अपनी भौगोलिक विषमता, नदियों का प्रवाह और प्रशासनिक उपेक्षा के कारण लंबे समय से पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता रहा है।

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    कोसी और कमला बलान जैसी नदियों की मार झेलते इस क्षेत्र में बाढ़, संचार व्यवस्था की कमी और मूलभूत समस्याएं हैं। हालांकि पिछले पांच वर्षों में कई कार्य हुए हैं। इससे तस्वीर बदली है, लेकिन अभी बहुत काम बाकी है।

    कमला बलान के दोनों तटबंधों पर 531 करोड़ की लागत से सुदृढ़ सड़क निर्माण से लोगों को आवागमन में सुविधा मिली है। इन सड़कों के जरिए अब लोग सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ पा रहे हैं।

    बाढ़ से त्रस्त इलाकों में तटबंधों के विस्तारीकरण के कारण बिरौल प्रखंड की 13 पंचायतों और गौड़ाबौराम प्रखंड के अधिकांश इलाके बाढ़ से काफी हद तक मुक्त हो चुके हैं। स्वर्णा सिंह ने वर्ष 2020 का चुनाव विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के टिकट पर लड़कर राजद उम्मीदवार अफजल अली खान को 7,280 मतों से पराजित किया था। जीतने के कुछ महीने बाद ही वीआइपी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।

    ग्रामीणों की बात

    पांच साल में विधायक ने बहुत काम किया है। वे जनता के दुःख-दर्द को समझती हैं। बिजली की आपूर्ति पहले से बेहतर हुई है। तीन करोड़ से आंबेडकर छात्रावास, चार करोड़ से अनुमंडल अस्पताल एवं अनुमंडल कार्यालय भवन का निर्माण कराकर विधायक ने ऐतिहासिक कार्य किया है।

    हरिश्चंद्र मुखिया, वर्दीपुर

    नल-जल योजना अधूरी है। पीने के पानी के लिए अब भी हैंडपंप पर भीड़ लगती है। स्कूल की इमारत बन गई है, लेकिन शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में गरीब बच्चों के लिए समुचित शिक्षा का सपना अधूरा प्रतीत होता है। हमारे जनप्रतिनिधि को इस दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए।

    चंदन साहू, भूभौल

    गौड़ाबौराम प्रखंड कार्यालय अब भी बिरौल से चल रहा है। अपना भवन नहीं बन पाना विधायक की कार्यक्षमता पर सवाल उठाता है। सिंचाई के लिए सरकारी नलकूपों का अभाव है। किसानों को योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसे में किसानों की आमदनी दोगुनी करने की घोषणा छलावा ही है।

    मोतिउर रहमान, बौराम

    विधायक क्षेत्र के विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों से बहुत लगाव रखती हैं। मुश्किल समय में सहयोग देने के लिए तत्पर रहती हैं। सड़कों का जाल बिछाकर क्षेत्र में विकास की रफ्तार को बढ़ाने का काम किया है। विधायक के रूप में नहीं, बल्कि घर के अभिभावक के रूप में उन्हें जाना जाता है।

    फूलो सहनी, गौड़ाबौराम

    विधानसभा क्षेत्र एक नजर में

    कुल मतदाता  2,61,700
    पुरुष 1,36,950
    महिला  1,24,749
    मंगलामुखी   01

    विधायक निधि से खर्च

    मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में कुल 557 कार्य हुए। 2021-22 में दो करोड़ 98 लाख से 145 योजनाएं, 2022-23 में दो करोड़ 98 लाख से 136, 2023-24 में तीन करोड़ 98 लाख से 180 और 2024-25 में एक करोड़ 50 लाख खर्च कर 98 योजनाओं पर काम किया गया है। शेष दो करोड़ की अनुशंसा की गई है। इनमें अधिकतर योजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

    ये हुए काम

    • बिरौल अनुमंडल कार्यालय भवन का निर्माण।
    • 346 लाख से मनसारा-फोरसाही पीसीसी सड़क का निर्माण।
    • प्रधानमंत्री सड़क योजना संपर्क योजना के तहत 124.66 करोड़ से 119.86 किलोमीटर सड़कों का निर्माण।
    • मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत 112 करोड़ से 86 किमी सड़क का निर्माण।
    • 531 करोड़ से कमला नदी के पूर्वी एवं पश्चिमी तटबंध पर 30-30 किमी सड़क का निर्माण।
    • 70 लाख से सुपौल बाजार में अंडरग्राउंड नाले का निर्माण।
    • हनुमाननगर में 100 बेड के आंबेडकर छात्रावास का निर्माण।
    • बिरौल अनुमंडल अस्पताल का निर्माण।

    ये समस्याएं नहीं हो सकीं दूर

    • गौड़ाबौराम विधानसभा क्षेत्र में उपजाऊ भूमि में जलजमाव से खेती मुश्किल।
    • खेत तक विद्युत आपूर्ति।
    • सभी लोगों तक पेयजल की सुलभ उपलब्धता।
    • सभी गांवों में सड़क एवं नाला निर्माण।
    • किसानों को समय पर खाद और बीज की उपलब्धता।
    • ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को पूर्ण रूप से संचालित करना।
    • स्कूलों में पर्याप्त भवन की अनुपलब्धता और बेहतर शिक्षा व्यवस्था।

    धरातल पर विकास शून्य

    विधायक का पांच साल का कार्यकाल पूरी तरह असफल रहा है। धरातल पर शून्य विकास हुआ है। पुल-पुलिया का निर्माण नहीं हुआ। लोग आज भी नाव से यात्रा करने को मजबूर हैं। क्षेत्र में डिग्री कालेज नहीं है। अस्पताल में आइसीयू नहीं है। प्रसव या सर्पदंश जैसी आपात स्थिति में मरीज को डीएमसीएच भेजा जाता है। इससे रास्ते में ही मौत हो जाती है। बाढ़-सुखाड़ की समस्या के स्थायी समाधान, मुआवजा वितरण और सिंचाई व्यवस्था कराने में विधायक विफल रही हैं।

    अफजल अली खान, निकटतम प्रतिद्वंद्वी, राजद

    जनता की जरूरतों के अनुसार कार्य को प्राथमिकता

    चुनाव में कोई व्यक्तिगत वादा नहीं किया था। उन्हीं योजनाओं पर काम कर रही जो मुख्यमंत्री ने घोषित की थीं। साथ ही, जनता की जरूरतों के अनुसार कार्य को प्राथमिकता दी गई। सुपौल बाजार में जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए 70 लाख से नाला निर्माण कराया गया है। ग्रामीण कार्य विभाग ने 118 सड़कों को स्वीकृति दी है, जिससे संपर्क मार्गों के विस्तार की उम्मीद बढ़ी है। दलित एवं कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए बिरौल पंचायत सरकार भवन के निकट 100 बेड का आंबेडकर छात्रावास तैयार कराया गया है। किरतपुर में नया प्रखंड मुख्यालय, पशु चिकित्सालय और जमालपुर थाने का अपना भवन निर्माण प्रगति पर है।

    स्वर्णा सिंह, विधायक