Darbhanga News : अस्पताल में सुविधाएं पूरी फिर भी इलाज अधूरा, आखिर डाक्टरों की कमी कब होगी पूरी?
दरभंगा के केवटी सीएचसी में सुविधाओं के बावजूद चिकित्सकों और कर्मियों की कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। स्त्री रोग विशेषज्ञ और अन्य चिकित्सकों के अभाव में इलाज अधूरा है। चार लाख की आबादी वाले इस केंद्र पर दूर-दराज से मरीज आते हैं, लेकिन उन्हें पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती। स्वीकृत पदों के बावजूद कर्मियों की कमी बनी हुई है, जिससे व्यवस्था प्रभावित है।

संवाद सहयोगी, केवटी (दरभंगा)। दिसंबर 2012 में बिहार सरकार द्वारा प्रखंड की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , केवटी - रनवे को उत्क्रमित कर सामुदायिक चिकित्सा केंद्र का दर्जा दिया गया। दरभंगा - जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 527 बी पर केवटी प्रखंड मुख्यालय के समीप आलीशान भवन बनकर तैयार हुआ।
वर्ष 2015 में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के नए भवन में मरीजों का इलाज शुरू हुआ। विभिन्न तरह की सुविधाएं उपलब्ध हुई। बावजूद इसके चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपलब्धता के मामले में कोई बदलाव नहीं आया। स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला चिकित्सक के अलावा अन्य चिकित्सकों, ड्रेसर, फार्मासिस्ट आदि कर्मियों की कमी का खामियाजा यहां पहुंचने वाले मरीज भुगतने के लिए मजबूर हैं।
यह केंद्र 30 बेड का है। प्रखंड की करीब चार लाख की आबादी इस केंद्र पर निर्भर है। इसके अलावा सीमावर्ती मधुबनी जिले के बिस्फी तथा दरभंगा जिला के सदर प्रखंड की कई पंचायतों के लोग करीब 20 से 25 किमी की दूरी तय कर यहां इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं। यहां का प्रसव कक्ष रात में महिला चिकित्सक के अभाव में स्टाफ नर्स एवं एएनएम के भरोसे रहता है।
मरीजों को उपलब्ध है। यक्ष्मा, सुगर , ब्लड ग्रुपिंग , हिमोग्लोबिन , एचआईवी , हेपेटाइटिस बी व सी , सिफलिस , मलेरिया , आर के 39 , डेंगू , टाइफाइड आदि की जांच की सुविधा है।
करीब तीन से चार गंभीर रोगी को विशेष परिस्थिति में डीएमसीएच रेफर किया जाता है। औसतन एक सौ से डेढ़ सौ मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए यहां आते हैं। यहां एनजीओ से सफाई कर्मी व गार्ड की तैनाती है। जेनरेटर आपरेटर नहीं रहने से उसको चलाने का कार्य तत्काल सीएचसी में तैनात सुरक्षा गार्ड के भरोसे है।
इलाज के लिए भर्ती मरीजों को मेन्यू के अनुसार नाश्ता एवं भोजन भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य कर्मियों के 61 पद स्वीकृत हैं, जिसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का एक, विशेषज्ञ चिकित्सक का छह, सामान्य चिकित्सक का छह , स्टाफ नर्स का 16 , एक्स - रे टेक्नीशियन का तीन, चक्षु सहायक का एक , लैब टेक्नीशियन का चार , फार्मासिस्ट का तीन, शल्य कक्ष सहायक का छह , लिपिक का चार व ड्रेसर सह कंपाउंडर का छह और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पांच पद शामिल है।
इनकी जगह दो विशेषज्ञ चिकित्सक , तीन सामान्य चिकित्सक , चार स्टाफ नर्स , चार लैब टेक्नीशियन, एक लिपिक और तीन चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पदस्थापित हैं। एएनएम एवं एलएचवी के स्वीकृत पद क्रमशः 48 एवं एक हैं। जिसमें से 42 एएनएम कार्यरत हैं। जबकि एलएचवी का पद रिक्त है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का भी पद रिक्त है। फिलहाल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एंड हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर , रैयाम के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा.निर्मल कुमार लाल इस पद पर कार्यरत है। यहां तीन बड़ा और एक छोटा एंबुलेंस है। ड्रेसर सह कंपाउंडर के नहीं रहने से ड्रेसर सह कंपाउंडर से संबंधित कार्य चतुर्थ वर्गीय कर्मी से लिया जाता है।
सीएचसी में उपलब्ध संसाधन से मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान की जाती है। 24 घंटे यहां चिकित्सकों व कर्मियों की तैनाती रहती है। दुर्घटना में घायल मरीजों का बेहतर इलाज किया जाता है। विशेष परिस्थिति में मरीजों को यहां से डीएमसीएच रेफर किया जाता है। सीएचसी के मापदंड के मुताबिक यहां चिकित्सकों व कर्मियों की कमी है। इसके लिए वरीय अधिकारी को पत्र लिखा गया है।
--डा.निर्मल कुमार लाल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सीएचसी ,केवटी रनवे ।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।