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    दरभंगा में जुटे ईएनटी विशेषज्ञ, नई सर्जरी तकनीकों पर खुला ज्ञान का नया आयाम

    By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 08:14 PM (IST)

    Darbhanga News : दरभंगा मेडिकल कालेज में 49वां बिहार-झारखंड एओआई कान्फ्रेंस आयोजित किया गया, जिसमें ईएनटी विशेषज्ञों ने भाग लिया। वरिष्ठ चिकित्सकों को ...और पढ़ें

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    49 वां बिहार-झारखंड एओआइ कान्फ्रेंस का दीप प्रज्वलित करते चिकित्सकगण। जागरण 

    संवाद सहयोगी, दरभंगा । दरभंगा मेडिकल कालेज कैंपस के आडिटोरियम में शुक्रवार को ईएनटी (कान, नाक, गला) का तीन दिवसीय 49 वां बिहार-झारखंड एओआइ कान्फ्रेंस विधिवत रूप से शुरू हुआ। इस दौरान ईएनटी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले वरिष्ठ चिकित्सकों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया।

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    इसमें डा. एच. विजेंद्र, डा. शंभू शरण, डा. कैलाश प्रसाद दुबे (जमशेदपुर), डा. अजय शंकर श्रीवास्तव (धनबाद), डा. आरके झा, और डा. विकास कुलकर्णी (पुणे) शामिल हैं। उक्त को मिथिला परंपरा के अनुसार पाग, चादर और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

    वहीं लाइव सर्जरी का प्रदर्शन आडिटोरियम में ईएनटी विशेषज्ञों द्वारा लाइव सर्जरी डेमोंसट्रेशन भी किया गया। इसमें डा. विजेंद्र, डा. विकास कुलकर्णी, डा. सत्येंद्र शर्मा (पटना), डा. एचआई फारुकी (भागलपुर) और डा. आलोक दुमका शामिल थे।

    को-आर्डिनेशन की जिम्मेदारी डा. अमित शेखर, डा. मोहम्मद आले, इमरान अंसारी और डा. मोना शराबगी ने निभाई। नई तकनीकों पर चर्चा सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण सर्जरी तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी गई। राइनोसेप्टोप्लास्टी: नाक के आकार और तिरछी हड्डी (सेप्टम) को एक साथ ठीक करने वाली सर्जरी का डेमो दिया गया। इससे सांस लेने में सुधार होता है और नाक का संतुलित व आकर्षक आकार मिलता है।

    कोलेस्टियाटोमा

    कान के बीच वाले हिस्से में बनने वाली असामान्य त्वचा की थैली, जो समय पर इलाज न होने पर सुनने की क्षमता घटा सकती है इसपर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि लंबे समय तक कान बहना या सुनाई कम होना को अनदेखा न करें और तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से सलाह लें।

    स्टेपेडोटोमी

    ओटोसक्लेरोसिस से होने वाली सुनने की समस्या का स्थायी समाधान देने वाली सुरक्षित और प्रभावी सर्जरी से भी अवगत कराया गया। इसमें कान की छोटी हड्डी स्टेपेस को ठीक किया जाता है ताकि आवाज सही ढंग से अंदर पहुंच सके।

    सम्मेलन ने यह स्पष्ट किया कि ईएनटी संबंधी बीमारियों को अक्सर लोग उम्र का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि समय पर जांच और सर्जरी से गंभीर समस्याओं का स्थायी समाधान संभव है। यह संदेश चिकित्सा जगत और आम जनता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    इससे पूर्व समारोह का उद्घाटन आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के उप कुलपति डा. शरद कुमार यादव, मुख्य अतिथि सशस्त्र सीमा बल के महानिरीक्षक नीतीश कुमार उज्जवल, विशिष्ट अतिथि पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डा. विमल कुमार कारक, मेडिकल आफिसर आर्यभट्ट नालेज यूनिवर्सिटी पटना, दरभंगा मेडिकल कालेज की प्राचार्य डा. अल्का झा, अधीक्षक डा. शीला कुमारी, एओआइ बिहार-झारखंड के अध्यक्ष डा. अश्विनी कुमार वर्मा, सेक्रेटरी डा. राकेश कुमार, आर्गेनाइजिंग चेयरमैन डा. रिजवान अहमद और सेक्रेटरी डा. मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से किया। 

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    निशित कुमार उज्जवल को सम्मानित करते डाक्टर मनोज कुमार।

    वरिष्ठ चिकित्सकों को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

    49 वां बिहार-झारखंड एओआइ कान्फ्रेंस में वरिष्ठ ईएनटी विशेषज्ञों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया ईएनटी चिकित्सा जगत के प्रतिष्ठित वरिष्ठ विशेषज्ञों को उनके उत्कृष्ट योगदान, लंबे अनुभव और समाज के प्रति समर्पण के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

    यह सम्मान उन चिकित्सकों को प्रदान किया गया जिन्होंने वर्षों तक उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा, शोध और प्रशिक्षण के माध्यम से नई पीढ़ी के डाक्टरों को दिशा दी है। सम्मान प्राप्त करने वाले विशिष्ट चिकित्सकों में शामिल हैं डा. अशुतोष प्रसाद डा. केपी. दुबे , डा. एसपी सिंह, डा. प्रदीप कुमार सिंह, डा. अजय शंकर श्रीवास्तव (धनबाद) डा. केपी. सिन्हा (पटना) शामिल हैं।

    समारोह में वक्ताओं ने कहा कि इन सभी वरिष्ठ चिकित्सकों ने न सिर्फ ईएनटी क्षेत्र में नई ऊंचाइयां स्थापित कीं, बल्कि मरीजों की सेवा को हमेशा सर्वोपरि रखा। इनके अनुभव, समर्पण और मानवीय संवेदना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को नई दिशा दी है।