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    डिजिटल हाजिरी नहीं तो कोई योजना नहीं, स्कूल ने जारी किया कड़ा फरमान

    By Rahul Kumar Gupta Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 04:13 PM (IST)

    Bihar Latest News : दरभंगा जिले के गौड़ाबौराम में पीएम श्री उच्च विद्यालय आसी में अब छात्रों की हाजिरी टैबलेट से दर्ज होगी। शिक्षा विभाग के नए निर्देश ...और पढ़ें

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    संवाद सहयोगी, जागरण, गौड़ाबौराम (दरभंगा)। दरभंगा जिले गौड़ाबौराम के पीएम श्री उच्च विद्यालय आसी में भले ही विद्यार्थियों की पढ़ाई का तरीका भले न बदले, लेकिन उनकी उपस्थिति दर्ज करने का पूरा सिस्टम बदल जाएगा। अब हाजिरी सिर्फ नाम पुकारने से नहीं टैबलेट पर क्लिक से तय होगी। शिक्षा विभाग के नए निर्देश ने छात्रों, अभिभावकों और स्कूल प्रशासन सभी को सतर्क कर दिया है, क्योंकि एक गलती का सीधा असर छात्रवृत्ति से लेकर बोर्ड परीक्षा तक पड़ सकता है।

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    डिजिटल हाजिरी होगी अनिवार्य

    विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राकेश झा ने नोटिस जारी करते हुए साफ कर दिया है कि अब कक्षा 6 से 12 तक के सभी छात्रों की उपस्थिति केवल टैबलेट से ही मानी जाएगी। यानी कागज पर नाम लिखकर या मौखिक उपस्थिति अब किसी काम की नहीं।

    समय पर पहुंचना होगा जरूरी

    नए सिस्टम के साथ समय की पाबंदी सबसे बड़ा नियम बन गई है। छात्रों को समय पर और नियमित यूनिफार्म में स्कूल पहुंचना अनिवार्य होगा। प्रधानाध्यापक ने अभिभावकों को भी आगाह किया है कि बच्चों के देर से पहुंचने या अनुपस्थित रहने की स्थिति में डिजिटल हाजिरी दर्ज नहीं हो पाएगी।

    डिजिटल उपस्थिति नहीं, तो लाभ भी नहीं

    इस निर्देश का सबसे बड़ा प्रभाव सरकारी योजनाओं पर पड़ेगा। नोटिस में साफ कहा गया है कि यदि किसी दिन छात्र की उपस्थिति टैबलेट में दर्ज नहीं होती है, तो वह दिन अनुपस्थित माना जाएगा।

    इसका सीधा असर इन लाभों पर होगा

    • छात्रवृत्ति
    • प्रोत्साहन राशि
    • साइकिल योजना
    • पंजीयन
    • वार्षिक व बोर्ड परीक्षा फॉर्म

    डिजिटल हाजिरी इन सभी सुविधाओं की कुंजी बन चुकी है।

    स्कूल प्रशासन अलर्ट मोड में

    नए सिस्टम के लागू होने से पहले स्कूल प्रशासन ने सभी शिक्षकों को भी निर्देशित किया है कि कक्षा शुरू होते ही टैबलेट से उपस्थिति दर्ज करें। किसी तकनीकी समस्या की स्थिति में तुरंत समाधान की व्यवस्था भी की जा रही है।

    अभिभावकों और छात्रों में बढ़ी जागरूकता

    नोटिस जारी होते ही छात्रों व अभिभावकों में सतर्कता बढ़ गई है। कई अभिभावक बच्चों को समय पर भेजने की तैयारी में जुट गए हैं, जबकि छात्र भी अब देरी या छुट्टी को लेकर सावधान हैं, क्योंकि एक दिन की अनुपस्थित हाजिरी उन्हें कई योजनाओं से दूर कर सकती है।

    डिजिटल हाजिरी नहीं तो कोई योजना नहीं, स्कूल ने जारी किया कड़ा फरमानगौड़ाबौराम के पीएम श्री उच्च विद्यालय आसी में सोमवार से विद्यार्थियों की पढ़ाई का तरीका भले न बदले, लेकिन उनकी उपस्थिति दर्ज करने का पूरा सिस्टम बदल जाएगा। अब हाजिरी सिर्फ नाम पुकारने से नहीं, बल्कि टैबलेट पर क्लिक से तय होगी। शिक्षा विभाग के नए निर्देश ने छात्रों, अभिभावकों और स्कूल प्रशासन सभी को सतर्क कर दिया है, क्योंकि एक गलती का सीधा असर छात्रवृत्ति से लेकर बोर्ड परीक्षा तक पड़ सकता है।

    डिजिटल हाजिरी होगी अनिवार्य

    विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राकेश झा ने नोटिस जारी करते हुए साफ कर दिया है कि अब कक्षा 6 से 12 तक के सभी छात्रों की उपस्थिति केवल टैबलेट से ही मानी जाएगी। यानी कागज पर नाम लिखकर या मौखिक उपस्थिति अब किसी काम की नहीं।

    समय पर पहुंचना होगा जरूरी

    नए सिस्टम के साथ समय की पाबंदी सबसे बड़ा नियम बन गई है। छात्रों को समय पर और नियमित यूनिफार्म में स्कूल पहुंचना अनिवार्य होगा। प्रधानाध्यापक ने अभिभावकों को भी आगाह किया है कि बच्चों के देर से पहुंचने या अनुपस्थित रहने की स्थिति में डिजिटल हाजिरी दर्ज नहीं हो पाएगी।

    डिजिटल उपस्थिति नहीं, तो लाभ भी नहीं

    इस निर्देश का सबसे बड़ा प्रभाव सरकारी योजनाओं पर पड़ेगा। नोटिस में साफ कहा गया है कि यदि किसी दिन छात्र की उपस्थिति टैबलेट में दर्ज नहीं होती है, तो वह दिन अनुपस्थित माना जाएगा।  इसका सीधा असर इन लाभों पर होगा। छात्रवृत्तिप्रोत्साहन राशिसाइकिल योजना पंजीयन वार्षिक व बोर्ड परीक्षा फॉर्म डिजिटल हाजिरी इन सभी सुविधाओं की कुंजी बन चुकी है।

    स्कूल प्रशासन अलर्ट मोड में

    नए सिस्टम के लागू होने से पहले स्कूल प्रशासन ने सभी शिक्षकों को भी निर्देशित किया है कि कक्षा शुरू होते ही टैबलेट से उपस्थिति दर्ज करें। किसी तकनीकी समस्या की स्थिति में तुरंत समाधान की व्यवस्था भी की जा रही है।

    अभिभावकों और छात्रों में बढ़ी जागरूकता

    नोटिस जारी होते ही छात्रों व अभिभावकों में सतर्कता बढ़ गई है। कई अभिभावक बच्चों को समय पर भेजने की तैयारी में जुट गए हैं, जबकि छात्र भी अब देरी या छुट्टी को लेकर सावधान हैं, क्योंकि एक दिन की अनुपस्थित हाजिरी उन्हें कई योजनाओं से दूर कर सकती है।