Darbhanga Vidhan Sabha Seat 2025: सड़कें तो बनीं, जाम और जलजमाव से नहीं मिली निजात
भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी 2005 से लगातार पांच बार विधानसभा पहुंचे हैं। विगत चुनावों में केवल एक बार ऐसा हुआ जब राजद के ओमप्रकाश खेड़िया ने 2015 में उन्हें कड़ी टक्कर दी थी तब राजद के साथ जदयू भी था। इस बार स्थिति बदल गई है। जदयू भी साथ है और चिराग पासवान भी।

मृत्युंजय भारद्वाज, दरभंगा। Darbhanga Vidhan Sabha Seat 2025: मिथिला की राजनीतिक नब्ज को पहचानना हो तो दरभंगा शहर के मतदाताओं के मूड को देखना होगा, जहां से भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी 2005 से लगातार पांच बार विधानसभा पहुंचे हैं।
विगत चुनावों में केवल एक बार ऐसा हुआ जब राजद के ओमप्रकाश खेड़िया ने 2015 में उन्हें कड़ी टक्कर दी थी, तब राजद के साथ जदयू भी था। इस बार स्थिति बदल गई है। जदयू भी साथ है और चिराग पासवान भी। 2020 के चुनाव में राजद प्रत्याशी के तौर पर टक्कर देने वाले अमरनाथ गामी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
पिछले चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने की बात है तो उसके संबंध में विरोधी भी बहुत कुछ सुनाने में हिचक जाते हैं। फिर भी कई समस्याएं ऐसी हैं जिनका समाधान नहीं हो सका।
खुद मंत्री भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में इनके समाधान के लिए संघर्ष करते रहे हैं। मसलन जाम से निजात दिलाने के लिए आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) का निर्माण और ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त कर शहरी इलाके को जलजमाव से मुक्ति दिलाने का मुद्दा अब भी है।
वैसे शहर के हर गली-मोहल्ले में बनी पक्की सड़कों ने मुख्य पथ तक पहुंचना आसान किया है। आम लोग मंत्री की सहज उपलब्धता के कायल हैं।
हालांकि कभी बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसने वाला यह ऐतिहासिक शहर अब विकास की नई रेखा खींच रहा है। हवाई सेवा हो या एम्स, आधुनिक अस्पताल या सड़कें, विकास की बानगी प्रस्तुत कर रही हैं।
ये काम हुए
- डीएमसीएच परिसर में 150 करोड़ की लागत से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, 132.51 करोड़ से सर्जिकल भवन और 13.12 करोड़ की लागत से मदर चाइल्ड अस्पताल का निर्माण।
- गंगवारा में 70 करोड़ की लागत से निर्मित सदर अस्पताल में होमी भाभा कैंसर अस्पताल का संचालन।
- दरभंगा में बिहार के पहले फ्लोटिंग सोलर प्लांट का निर्माण।
- 165 करोड़ रुपये की लागत से बना तारामंडल।
- लहेरियासराय में 12 करोड़ की लागत से बना 600 सीटों वाला आधुनिक प्रेक्षागृह।
- 14 करोड़ 24 लाख रुपये की लागत से महाराजी पुल का निर्माण।
- बागमती नदी के किनारे 17 करोड़ रुपये की लागत से कटाव रोधी कार्य।
काम जो हो रहे
- दिल्ली मोड़ बस स्टैंड का माडल अंतरराज्यीय बस अड्डा के रूप में 83.77 करोड़ रुपये से विकास।
- कुल सात आरओबी का निर्माण, जिनमें से छह का काम 472.67 करोड़ की लागत से तेजी से चल रहा।
- दरभंगा रेलवे स्टेशन से आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे (वाया दोनार चौक, कर्पूरी चौक) तथा कर्पूरी चौक से एकमी चौक (वाया लहेरियासराय टावर, लोहिया चौक) तक के मार्ग के अपग्रेडेशन एवं एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण।
- स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और सुरक्षा निगरानी प्रणाली का कार्य।
- 270 करोड़ से जलजमाव से मुक्ति के लिए स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना का काम।
- दरभंगा शहर के तीनों प्रमुख तालाब हराही, दिग्घी और गंगासागर के एकीकरण और सुंदरीकरण का कार्य।
- डीएमसीएच परिसर में 9.37 करोड़ रुपये की लागत से क्षेत्रीय औषधि भंडार गृह का निर्माण।
- शुभंकरपुर में 72 लाख की लागत से आधुनिक मुक्तिधाम का निर्माण।
- मोहनपुर स्थित राजकीय महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पुनर्विकास और विस्तार।
- मिथिला शोध संस्थान में संग्रहित दुर्लभ पांडुलिपियों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य।
समस्याएं, जिनका नहीं हो सका समाधान
- बेंता हास्पिटल रोड में ओवरब्रिज नहीं होने से जाम की समस्या।
- रहमगंज मोहल्ले में तालाब के सुंदरीकरण की योजना नहीं हुई पूरी।
- जलजमाव की समस्या से नहीं मिल सकी निजात।
- भू-माफिया तालाब भर रहे, नहीं हुई कोई कार्रवाई।
- कई मोहल्ले में पेयजल की समस्या। नल-जल का लाभ नहीं।
विधानसभा एक नजर में
कुल मतदाता | 3,17, 939 |
पुरुष | 1,68,507 |
महिला | 1,49, 415 |
मंगलामुखी | 17 |
बोले लोग
रहमगंज मोहल्ले में तालाब के सुंदरीकरण की योजना पास हुई थी। आज तक एक ईंट भी नहीं लग पाई। मछली पालन के लिए पोखर, तालाब की बंदोबस्ती नहीं की गई। दो दर्जन से अधिक तालाब और पोखर को भूमाफिया ने भर दिया। उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सड़क और नाला बना है। बिजली व्यवस्था सुधरी है। - परीक्षण सहनी, रहमगंज, वार्ड नंबर 28
शहर में जल संकट बहुत बड़ी समस्या है। हर घर नल का जल सभी तक नहीं पहुंच पा रहा है। रोजगार के लिए कोई काम नहीं किया गया। कोई बड़ा उद्योग नहीं लग सका। रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। महंगाई बढ़ी है और लोगों की कमाई घट गई है। इससे परिवार चलाना मुश्किल हो गया। - मो. निजामुद्दीन, पुरानी मुंसफी, वार्ड नंबर 25
शहर का विकास हुआ है। रोड, नाला बना है। लोगों को राशन मिल रहा है। गरीबों के लिए काम हो रहा। कैंसर अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और तारामंडल खुला है। खिलाड़ियों के लिए एक बड़े स्टेडियम की आवश्यकता है जो नहीं हो पाया। एक स्टेडियम है भी तो उसकी स्थिति जर्जर है। - कमलेश उपाध्याय, बेलवागंज, वार्ड 39
शिक्षा से लेकर सड़क, नाला निर्माण पर काम
पहले स्कूलों की हालत खराब थी। जर्जर भवन, टपकती छतें और बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। आज तस्वीर बदल चुकी है। शहर से लेकर गांव तक विद्यालयों और महाविद्यालयों की आधारभूत संरचना में बदलाव हुआ है। आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा गया है। सड़कों और नालों का कायाकल्प हुआ है। मुख्य सड़कों के साथ ही हर गली, मोहल्ले तक सड़क और नाला निर्माण हुआ है। कई प्रमुख सड़कें निर्माणाधीन हैं। कई पुरानी सड़कों का चौड़ीकरण कर उसे बेहतर बनाया जा रहा है। शहरी विधानसभा में आने वाली पंचायतों को भी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा गया है। जाम लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है। इसे दूर करने के लिए शुरुआत से ही प्रयास करते आ रहे हैं। हर स्तर पर आवाज उठाते रहे हैं। जलजमाव में नगर निगम की लापरवाही भी है। अगर समय पर नालों की सफाई हो तो यह समस्या कम हो सकती है। - संजय सरावगी, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री
किसी भी समस्या का नहीं हुआ समाधान
पांचवीं वार विधायक बनने के बाद भी उबड़-खाबड़ सड़क, नाला, जाम, पार्किंग आदि की समस्या का समाधान नहीं हो सका। दरभंगा मेडिकल कालेज व अस्पताल तो नरक से भी बुरी स्थिति में है। खराब स्थिति के कारण सरकारी विद्यालयों में बच्चे पढ़ने नहीं जाना चाहते हैं। उप स्वास्थ्य केंद्रों में न तो चिकित्सक हैं और न ही दवाएं। बच्चे, महिलाएं और आम नागरिक सुरक्षित नहीं हैं। प्रतिदिन हत्या, लूट, छिनतई विधानसभा क्षेत्र में हो रही है। कोई सार्वजनिक वाहन उपलब्ध नहीं है। दरभंगा के गैर मजरुआ जमीन, पोखर और गौशाला आदि की भूमि पर अवैध कब्जा है। - सुजीत कुमार चौधरी, प्रतिद्वंद्वी
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