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    Bihar News: लौटेगी मिथिला की प्राचीन विरासत, दरभंगा बनेगा स्वच्छ व सुंदर

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 04:21 PM (IST)

    बिहार के दरभंगा में मिथिला की प्राचीन विरासत को वापस लाने की तैयारी है। दरभंगा को स्वच्छ और सुंदर बनाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे शहर की ऐतिहासिक औ ...और पढ़ें

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    मिथिला की प्राचीन विरासत की होगी वापसी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दरभंगा। मिथिला का प्राचीन शहर दरभंगा बौद्धिक एवं सांस्कृतिक रूप से पहले से ही समृद्ध रहा है। शहर के ऐतिहासिक तालाब आज भी इस बात की गवाही दे रहें है कि आधुनिक तकनीक का आविष्कार नहीं हुआ था तब भी शहर के लोग स्वच्छता को अपना धर्म मानकर इसकी सुंदरता के लिए समर्पित थे।

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    दरभंगा शहर मुख्य रूप से दो भाग में बटा हुआ है। दक्षिणी छोड़ पर लहेरियासराय जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। लेकिन शहर की मुख्य आबादी दरभंगा टावर, गुल्लोंवाड़ा, मशरफ बाजार, किला घाट, सेना पथ, सुंदरपुर, कादिराबाद, आजम नगर मोहल्ले में बस्ती थी। इसलिए दरभंगा टावर व्यावसायिक केंद्र के रूप में उभरा।

    कालांतर में दरभंगा महाराज ने शहर को सुंदर बनाने के साथ ही स्कूल कॉलेजों की स्थापना कर इसे शिक्षा का हब बनाने पहला प्रयास किया था। आज भी लोग दरभंगा के प्राकृतिक सौंदर्य के नजारे के लिए राज परिसर और मेडिकल कॉलेज परिसर में पहुंचते हैं, लेकिन आबादी बढ़ने के साथ ही उसका कुप्रभाव शहर के सफाई के साथ इसकी सुंदरता पर भी पड़ा है।

    खत्म हो रहीं ऐतिहासिक विरासत

    राज किला की ऐतिहासिक दीवार का रख-रखाव नहीं होने से शहर की कलात्मकता जैसी धरोहर विलुप्ति की ओर बढ़ रही है, तो विशाल इंद्र भवन मैदान में खेलना अब संभव ही नहीं है। चारों ओर जलजमाव और नाले की बदबू हमारी समृद्ध विरासत की चमकती चादर पर धब्बा जैसी दिखाई पड़ रही है।

    हालाकि पहले शहर छोटा था, लेकिन अबादी के दबाव में क्षेत्रफल का विस्तार होता गया। नए मोहल्ले बसे। घनी आबादी वाला बेंता मोहल्ला आज मिथिला ही नहीं उत्तर बिहार का सबसे बड़ा मेडिकल हब बन गया। लेकिन इसके अपशिष्टों का उचित प्रबंधन नहीं होने से गंदगी भी उसी रफ्तार से पसर रही है।

    इसके अलावा अल्लपट्टी, सैदनगर, खाजा सराय, अयाची नगर आदि घनी आबादी वाले नए मोहल्ले की गगनचुंबी इमारतें नई संस्कृति को जन्म देने में सफल रही। पांच किमी क्षेत्रफल वाला दरभंगा शहर आज 150 वर्ग किमी क्षेत्रफल में अपने विकास की गाथा लिख रहा है। शहर का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल श्यामा माई का मंदिर आध्यात्मिक केंद्र के रूप में भी पहचाना जाता है।

    लेकिन वहां भी पार्किग की व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं की समस्या होती है। व्यस्तम समय में जब हर कोई अपने गंतव्य पर पहुंचने को आतुर होता है, तो जाम बड़ी समस्या बनकर उभरी है। सड़कों पर गलत ढ़ग से वाहनों का पड़ाव जाम का बड़ा कारण हो रहा है।

    जिसे नागरिक बोध को विकसित करके ही हम अपने शहर में सुचारू यातायात के साथ स्वच्छता बनाए रखकर इसकी सुंदरता को बरकरार रख सकते है। समाज के सात सरोकारों से जुड़ा रहने वाला दैनिक जागरण 'दरभंगा को चमकाना है' नाम से एक बड़ा अभियान आरंभ करने जा रहा है।

    जिसमें हम अपने शुद्धि पाठकों से सक्रिय सहयोग और जुड़ाव की अपेक्षा रखते है। आप अपने सुझाव हमें मेल jagran.dar@gmail.com और वाट्सप 9304343038 पर भी दे सकते हैं।