Bihar Politics: दावेदारी को लेकर राजद में दरार? दरभंगा जिले में दो गुट भिड़े, अब लालू यादव करेंगे फैसला
दरभंगा में राजद जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर हुई बैठक में दो गुटों के बीच विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। इसके बाद सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ही जिलाध्यक्ष का चुनाव करेंगे। दूसरे गुट ने नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, दरभंगा। लहेरियासराय की हाउसिंग कॉलोनी स्थित एक विवाह भवन में बुधवार को राजद जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सुवंश यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई। संचालन अमरेश कुमार अमर ने किया। समस्तीपुर के विधायक सह निर्वाचन पदाधिकारी अख्तरुल इस्लाम शाहीन एवं सहायक निर्वाचन पदाधिकारी राजेन्द्र सहनी मौजूद रहे।
जिलाध्यक्ष के पद पर दावेदारी को लेकर दो उम्मीदवार के गुट आपस में भिड़ गए। इस दौरान दोनों के समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। दोनों गुटों में दावेदारी को लेकर प्रस्ताव देने की प्रक्रिया नहीं हो पाई। इसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राजद सुप्रीमो सह राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जिलाध्यक्ष नामित करने के लिए अधिकृत किया गया।
निर्वाचन पदाधिकारी शाहीन ने कहा कि कार्यकर्ताओं के मिजाज से राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश नेतृत्व को अवगत करा दूंगा। जिले के सभी प्रखंड एवं प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सहित मौजूद कार्यकर्ताओं की सहमति से निर्णय लिया कि जिलाध्यक्ष का चयन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव करेंगे।
बैठक में कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक थी और सभी मंच से अपनी बात रखना चाहते थे इसी को लेकर थोड़ी गहमा गहमी हुई। मारपीट धक्का मुक्की जैसी घटना नहीं हुई है।
निवर्तमान जिलाध्यक्ष उदय शंकर यादव ने कहा कि यहां के एक-एक कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष हैं। हमलोग विधानसभा के चुनाव में जिले में 10 सीट कैसे जीतेंगे इस पर रणनीति बनाई जा रही है। जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है। वे जिनको जिम्मेदारी देंगे उन्हें हम सभी लोग जिलाध्यक्ष मानेंगे और पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे।
इधर, जिलाध्यक्ष के दावेदार गंगाराम यादव गोप ने कहा कि जिलाध्यक्ष द्वारा नियमों की अनदेखी की गई है। उन्होंने अपने समर्थकों को चुनाव की सूचना दी बाकि के सदस्यों को कोई जानकारी नहीं थी। कार्यक्रम के दौरान भी अपने लोगों को स्टेज पर बुलाकर भाषण एवं नारेबाजी करवाया जा रहा था। वह गुपचुप तरीके से चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण कर जिलाध्यक्ष पद पर काबिज रहना चाहते थे। जिसका हमने विरोध किया। जिसके बाद अंतिम निर्णय राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर छोड़ दिया गया है। मुझे अपनी उम्मीदवारी के लिए प्रस्ताव देना था। इनलोगो ने गुटबाजी कर मुझे अपनी बात नहीं रखने दिया।
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