Darbhanga News : एथलेटिक्स में लनामिवि के त्रिलोक कुमार ने स्वर्ण पदक जीत रचा इतिहास
Bihar News : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के त्रिलोक कुमार ने एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा है। अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में त्रिलोक की इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल है। विश्वविद्यालय के कुलपति और खेल विभाग के अधिकारियों ने त्रिलोक को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

लनामिवि के स्नातकोत्तर क्रीड़ा परिषद के स्विफ्ट धावक त्रिलोक कुमार।
जागरण संवाददाता, दरभंगा । लनामिवि के स्नातकोत्तर क्रीड़ा परिषद के स्विफ्ट धावक त्रिलोक कुमार ने रविवार को खेल जगत में इतिहास रच दिया। कुमार ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स- 2025 में पांच हजार मीटर एथलेटिक्स इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय एवं मिथिलांचल की ख्याति राष्ट्रीय पटल पर दर्ज कर दी।
यह पहला मौका है जब इस विश्वविद्यालय ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि से समूचे विश्वविद्यालय परिवार में गौरव और प्रसन्नता की लहर है।
यूनिवर्सिटी कंटिजेंट मैनेजर मनीष राज ने बताया कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 का आयोजन राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के सात शहरों (जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा और भरतपुर) में 24 नवंबर से पांच दिसंबर, 2025 तक किया जा रहा है।
लनामिवि की कुल तीन टीमें क्रमशः जोधपुर में टेबल- टेनिस महिला टीम, बीकानेर में कबड्डी महिला टीम तथा जयपुर में एथलेटिक्स पुरुष टीम अपने-अपने मुकाबलों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाले धावक त्रिलोक कुमार इससे पूर्व जर्मनी में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। निसंदेह उनका अनुभव भी इस प्रतियोगिता में पदक जीतने हेतु सहायक सिद्ध हुआ।
इस ऐतिहासिक जीत पर कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। कहा कि त्रिलोक कुमार की उपलब्धि पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। कुलपति ने अन्य खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने का आशीर्वचन प्रेषित किया।
उन्होंने स्वर्ण पदक को खेल जगत के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का परिणाम माना। विश्वविद्यालय खेल पदाधिकारी अमृत कुमार झा ने प्रसन्नता व्यक्त करते त्रिलोक कुमार की कड़ी मेहनत, अनुशासन और मानसिक मजबूती को इस उपलब्धि का कारक बताया।

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