Updated: Thu, 25 Sep 2025 02:45 PM (IST)
गौड़ाबौराम अंचल में भूमि मापी में लापरवाही के आरोप में दो कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है। अखतवाड़ा गांव के एक मामले में अंचल अमीन अरुण कुमार और डेटा एंट्री ऑपरेटर भानु झा पर मापी प्रतिवेदन पोर्टल पर अपलोड नहीं करने का आरोप है। शिकायतकर्ता संजय कुमार नायक ने रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया था जिसके बाद जांच में लापरवाही पाई गई।
संवाद सहयोगी, गौड़ाबौराम। भूमि मापी (Bihar Bhumi Mapi) से संबंधित कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में गौड़ाबौराम अंचल के दो कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है। मामला अखतवाड़ा गांव टोले चतरा की जमीन की मापी प्रतिवेदन से जुड़ा है, जिसमें निर्धारित प्रक्रिया के बावजूद जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई।
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मामले में आरोपित अंचल अमीन अरुण कुमार और डेटा एंट्री ऑपरेटर भानु झा पर पोर्टल पर मापी प्रतिवेदन अपलोड नहीं करने का आरोप सिद्ध हुआ है। अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बिरौल राकेश कुमार गुप्ता द्वारा जांच के बाद दोनों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का आदेश डीसीएलआर बिरौल को दिया गया है।
जमालपुर निवासी संजय कुमार नायक ने बताया कि चार जून 2024 को मापी वाद संख्या 21/2024 के तहत अपनी जमीन की मापी के लिए अंचल कार्यालय में आवेदन दिया था और शुल्क भी विधिवत रूप से जमा किया।
आवेदन के अनुसार, जमीन अखतवाड़ा गांव के टोला चतरा में स्थित है, जो गौड़ाबौराम अंचल के अधीन है। जब वे मापी प्रतिवेदन की प्रति प्राप्त करने के लिए मिले, तो उनसे रिश्वत की मांग की गई। उन्होंने इस आरोप में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय बिरौल में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत की सुनवाई और गहन जांच के बाद यह सामने आया कि संबंधित मापी प्रतिवेदन अब तक ई-मापी पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया था, जिससे आवेदक को कानूनी जानकारी से वंचित रहना पड़ा। जांच अधिकारी के अनुसार, इसमें अमीन अरुण कुमार की सीधी जिम्मेदारी बनती है। वहीं, डेटा एंट्री ऑपरेटर भानु झा की भूमिका भी प्रक्रियात्मक लापरवाही के रूप में चिह्नित की गई है।
परिवादी संजय नायक ने बताया कि अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि गौड़ाबौराम अंचल अधिकारी (सीओ) की भूमिका इस पूरे मामले में संदिग्ध प्रतीत होती है, क्योंकि उन्होंने शिकायत के बावजूद विभागीय स्तर पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की।
हालांकि, सीओ अभिषेक आनंद ने अपने बचाव में कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और यह भी कहा कि मापी प्रतिवेदन के अपलोडिंग में डेटा एंट्री ऑपरेटर की कोई भूमिका नहीं होती।
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