Darbhanga News: असमय वर्षा होने से किसानों की धान की तैयार फसल को व्यापक नुकसान
Darbhanga News: जाले में असमय बारिश ने किसानों की धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। तेज हवा से फसल गिर गई है, जिससे अंकुरण का खतरा बढ़ गया है। वैज्ञानिकों ने जल्द कटाई और जल निकास की सलाह दी है। बारिश से सरसों, गेहूं और मसूर की फसलों पर भी असर पड़ने की आशंका है। किसानों को कृषि विज्ञानियों से सलाह लेने की अपील की गई है।

असमय बारिश होने से क्षतिग्रस्त धान की फसल। जागरण
संवाद सहयोगी,जाले (दरभंगा)।Darbhanga News: तेज हवा के साथ दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के अरमान पर पानी फेर दिया है। खासकर खरीफ फसल धान की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंच सकती है।
धान के फसलों का नुकसान दो तरीके से हुए है। इस आशय की बातें राढ़ी पंचायत के पकटोला के किसान अजय कुमार चौधरी एवं अरुण चौधरी ने बताया कि तेज हवा के चलते पके धान की फसल गिर गई है, जिससे काफी नुकसान हुआ है।
गिरी हुई फसल के बाली में दाने में अधिक नमी होने के कारण अंकुरण कर सकते हैं, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। किसानों का कहना है कि धान के तैयार पौधे के गिरने से रोकथाम के लिए पहले से सिस्टमिक कवकनाशी का छिड़काव नहीं करने से उनकी फसल में फाल्स स्मट ने मौसमी बदलाव की वजह से भयानक रूप से आक्रमण कर दिया है।
राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के शष्य विज्ञानी डा. विश्वजीत प्रामाणिक एवं कृषि विज्ञान केंद्र के पौधा संरक्षक विज्ञानी प्रदीप विश्वकर्मा ने इस असामयिक बारिश से फसल क्राप लाजिंग एंड बीज शटरिंग (बीज झड़ने की समस्या) से पूरी फसल बर्बाद होने की आशंका जताई है।
विज्ञानियों ने किसानों को जल्द से जल्द मौसम सही होते ही फसल की कटाई करके सुखाने की सलाह दी है। इस बारिश से ना केवलधान की फसल बल्कि सरसों के बोए खेतों में उसके अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जिससे सरसों की भी उपज घट सकती है।
अधिक नमी में गेहूं एवं मसूर की बोआई में भी देरी हो सकती है, उन्होंने किसानों को खेत से जल निकास बनाने का आग्रह किया तथा कवकनाशी के समुचित प्रयोग से फसल सुरक्षा को बढ़ावा देने की अपील की और किसी विशेष प्राकृतिक कृषि आपदा हो या किसी भी तरह का कृषि फसल में समस्या होने पर बेहिचक कृषि विज्ञानियों से सलाह लेने की अपील की है।

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