Darbhanga News: बोर्ड गठित होने के बाद मखाना की बाजार तक पहुंच होगी और आसान, मिलेंगे कई फायदे
केंद्र सरकार ने मखाना बोर्ड के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया जिसका मुख्यालय पटना में होगा। इस बोर्ड का उद्देश्य मखाना किसानों को बेहतर दाम और बाजार तक पहुंच प्रदान करना है। बिहार जो मखाना उत्पादन में अग्रणी है को इससे मखाना हब ऑफ इंडिया बनने में मदद मिलेगी। बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने और निर्यात क्षमता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

जागरण संवाददाता, दरभंगा। Bihar Makhana Farmers: बिहार के लिए सोमवार का दिन ऐतिहासिक रहा। खासकर मिथिलावासियों के लिए अहम दिन था। केंद्र सरकार ने मखाना बोर्ड के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बोर्ड की स्थापना का औपचारिक उद्घाटन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
लंबे समय से बिहार के किसान और उद्यमी इस बोर्ड की मांग कर रहे थे, क्योंकि मखाना उत्पादन में बिहार देशभर में सबसे आगे है और इसे जीआई टैग भी मिल चुका है। मखाना की खेती बिहार के मिथिला, कोसी और सीमांचल क्षेत्रों में आजीविका का अहम साधन है, लेकिन किसानों को लंबे समय से मार्केटिंग, प्रोसेसिंग, क्वालिटी स्टैंडर्ड और निर्यात की चुनौतियों का सामना करना पड़ता रहा है।
मखाना बोर्ड का गठन इन चुनौतियों को दूर करने और किसानों को बेहतर दाम दिलाने के लिए किया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार मखाना बोर्ड का मुख्यालय पटना, बिहार में होगा।
इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक, मखाना उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ और किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे। बोर्ड का नेतृत्व केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक चेयरपर्सन करेंगे।
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. इन्दु शेखर सिंह ने बताया कि बोर्ड का गठन होने से बाजार तक पहुंच आसान होगी। किसानों को मखाना बेचने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए प्लेटफार्म मिलेंगे। उत्पादन और प्रोसेसिंग में आधुनिक तकनीक रिसर्च और ट्रेनिंग से उत्पादकता बढ़ेगी।
मखाना को हेल्थ फूड और सुपरफूड के रूप में वैश्विक बाजारों में प्रमोट किया जाएगा। बिहार में प्रोसेसिंग यूनिट और वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स से नए रोजगार अवसर बनेंगे। बिहार देश के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा देता है।
मखाना बोर्ड का गठन होने से राज्य को ‘मखाना हब ऑफ इंडिया’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने, एक्सपोर्ट क्षमता में सुधार और बिहार को एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्री का मजबूत केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
बताया जाता है कि अगले चरण में मखाना क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। मखाना रिसर्च सेंटर की स्थापना भी प्रस्तावित है, जो नई किस्मों और बेहतर खेती तकनीकों पर काम करेगा। बोर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मखाना को जीआई टैग प्रोडक्ट के रूप में प्रमोट करेगा।
दुनिया में मखाना का अग्रणी उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। मखाना को सुपरफूड माना जाता है क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, जरूरी प्रोटीन, आहार फाइबर और मिनरल्स होते हैं।
मखाना अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में अत्यधिक पौष्टिक सुपरफूड के रूप में मान्यता पा चुका है, जिसकी खपत बढ़ रही है। मखाना मुख्य रूप से भारत के पूर्वी और मध्य भाग में उगाया जाता है, जिसमें बिहार उत्पादन का बड़ा योगदान है।
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