Darbhanga News : डब्ल्यूआइटी में आरंभ होगी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई
Darbhanga Latest News : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने इस दिशा में पहल की है। संस्थान डेटा मैनेजमेंट सिस्टम से पाठ्यक्रम शुरू कर सकता है। इसके अतिरिक्त, छात्राओं को युवा महोत्सव में भाग लेने का भी अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच मिलेगा।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
संवाद सहयोगी, दरभंगा । मिथिला बुद्धिजीवियों की धरती रही है। यहां अधिकांश लोग शारीरिक परिश्रम से कम और अपनी बुद्धि के बल पर ही जीवनयापन की सामग्री करते रहे हैं। लेकिन संसार के सिमटते परिद़श्य में जब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ट्रेडिंग विषय बनकर उभर रहा हो तो भला मिथिला इससे कैसे अछूता रहे।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने स्वयं को आधुनिक तकनीक और कौशल में ढालने के इच्छुक छात्रों विशेष रूप से छात्राओं की भावनाओं को पढ़ने में देर नहीं की। उन्होंने छात्रों के बीच के सबसे चर्चित विषय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई शुरू करने का बीड़ा उठाया।
अपने ही परिसर में स्थापित उतर भारत के एकमात्र डा. एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डा. अजय नाथ झा को जैसे ही उन्होंने निर्देश दिया कि तैयारी शुरू हो गई हालांकि लक्ष्य प्राप्ति में अपना सबकुछ दांव पर लगा देने वाले निदेशक अपनी ही धुन में चल रहे हैं। मगर स्वीकार किया कि समय और परिस्थिति अनुकूल रही तो आगामी सत्र से आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस में नामांकन शुरू हो जाएगा।
डाटा मैनेजमेंट सिस्टम से हो सकता है आरंभ
स्थापना काल से डब्ल्यूआइटी में दो दशक तक मात्र दो ट्रेड में सीटें की पढ़ाई होती थी। आइटी और कंप्यूटर साइंस। इससे स्ववितपोषित संस्थान की आधारभूत संरचनाओं की आवश्यकता भी पूरी नहीं होती थी। लेकिन पिछले पिछले वर्ष नए निदेशक की नियुक्ति और बायोफार्मेटिक्स और एमसीए की पढ़ाई शुरू होते ही परिसर के शैक्षणिक वातावरण में जैसे नई संभावनाओं का ज्वार आ गया ।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई के लिए संस्थान अभी किस हद तक तैयार है,यह भी देखने वाली बात होगी। इसमें भी पढ़ाई के कई प्रकार है। डीप लर्निंग ,मशीन लर्निंग ,डाटा एनालाइसिस और डाटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम ।लेकिन निदेशक का दावा है कि तत्काल डाटा बेस मैनेजमेट सिस्टम में नामांकन लेने की तैयारी है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी इंजीनियरिंग कालेज में प्राचार्य रह चुके हैं। उनका अनुभव और मार्गदर्शन मिथिला की छात्राओं के लिए वरदान बनेगा।
पहली बार युवा महोत्सव में होगी सहभागिता
इंजीनियरिंग की छात्राओं को तकनीक और नवाचार के अलावा गायन तथा नृत्य जैसे मस्तिष्क को शांत करने वाले अवसरों को देखने का भी अवसर नहीं मिलता। लेकिन अब कंप्युटर के मानीटर के चमकते प्रकाश से हटकर कुछ पल आंख को आराम देने का अवसर भी मिल रहा है। जिससे कुछ पल आराम लेकर छात्राएं ताजा मन से फिर कंप्युटर पर बैठ कर अपनी सोच को नई उड़ान दे सके।
मिथिला विश्वविद्यालय आगामी 15 दिसंबर से अंतर कालेज युवा महोत्सव का आयोजन कर रहा है।इसमें डब्ल्यूआइटी की छात्राएं पहली बार सहभागिता करेगी। सोमवार को छात्राएं नृत्य का रिहर्सल कर रही थी। एक ओर क्विज और वाद विवाद में भाग लेने वाली छात्राएं की तैयारी कर रही थी।

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