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    Darbhanga : आनलाइन आवेदन पर दाखिल खारिज रिजेक्ट, बाद में होती सौदेबाजी

    By Vinay Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 08:34 PM (IST)

    Bihar Latest News : दरभंगा में दाखिल खारिज के आनलाइन आवेदनों को बिना उचित कारण बताए अस्वीकार किया जा रहा है, जिससे आवेदकों को परेशानी हो रही है। आरटीप ...और पढ़ें

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    जागरण संवाददाता, दरभंगा । सरकार ने दाखिल खारिज के वादों को समय सीमा के अंदर निष्पादन के लिए इसे आरटीपीएस में शामिल किया, ताकि आवेदकों को इसके लिए ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़े। लेकिन, अंचल कर्मियों एवं पदाधिकारियों की मनमानी के कारण इसका समुचित लाभ आवेदकों को नहीं मिल रहा है।

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    अंचलों में ऐसे कई मामले हैं जिन्हें बिना किसी ठोस कारण और विधिवत प्रक्रिया अपनाए बिना वाद को निरस्त कर दिया जाता है। इसके पीछे मनचाहा सौदेबाजी नहीं होने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। बता दें कि जिले में 30 दिन समाप्त होने के बावजूद 35 दिनों से 1045 और 75 दिनों से 383 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं।

    आंकड़े के अनुसार म्यूटेशन के लिए प्राप्त दो लाख 99 हजार 400 आवेदनों में 81 हजार 113 का निष्पादन किया गया है। जबकि, 14 दिसंबर को जिला राजस्व कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट अनुसार दाखिल खारिज के दो लाख दो हजार 702 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है। इनमें सैकड़ों ऐसे आवेदन हैं, जिसे रद करने से पूर्व्र आवेदक को कारण की जानकारी तक देना जरूरी नहीं समझा गया।

    जबकि प्रावधान है कि आवेदन में त्रुटि या वांछित कागजात की कमी रहने पर आवेदकों को सूचित किया जाएगा। उसके बाद ही उसे अस्वीकृत किया जाएगा। ऐसी स्थिति में सैंकड़ों आवेदक डीएसएलआर कार्यालय में अपील के लिए चक्कर काट रहें है।

    बलभद्रपुर निवासी मृनाल नाथ ने बताया कि 17 अक्टूबर को दाखिल खारिज के लिए उन्होंने आनलाइन आवेदन किया था। जिसका केश नं. 2283 वर्ष 2025-26 है। उनकी मां सरस्वती देवी ने पुश्तैनी मकान को सभी भाईसरों के बीच बंटवारा कर डीड बना दी। इस आधार पर अपने नाम से दाखिल खारिज कराने के लिए आन लाइन आवेदन किया। इसमें राजस्व कर्मचारी ने बिना जांच के सरकारी भूमि होने की टिप्पणी कर दी।

    जबकि, उस भूमि पर उनका पुश्तैनी मकान है, खतियान भी पूर्वज के नाम से अंकित है। जब आन लाइन स्टेटस को चेक किया तो पता चला की उनके वाद की सुनवाई के लिए 24 नवंबर की तिथि निर्धारित है। लेकिन्र, उन्हें कोई सूचना तक नहीं दी गई। बावजूद, संपर्क करने पर दो-चार टहलाया गया। फिर आवेदन के रिजेक्ट हो जाने की जानकारी दी ।

    यही शिकायत बलभद्रपुर निवासी कालीकांत झा की है। 11 सितंबर को आनलाइन दो आवेदन किया। बिना किसी सूचना के उनके आवेदन को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया कि उक्त दस्तावेज में पुराना खाता, खेसरा सहित अंचल अमीन का प्रतिवेदन संलग्न नहीं है। राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी के मनमानी के आवेदक परेशान है। नजराना नहीं आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाता है या उसे अनिश्चितकाल के लिए लंबित रखा जाता है।


    आवेदन के समय सीमा तीन माह पूरी होने के कारण अस्वीकृत किया गया है। इसे लेकर ऊपर से दबाव रहता है।
    संजय कुमार - राजस्व अधिकारी, बहादुरपुर।

    दाखिल-खारिज के आवेदनों को अस्वीकृत करने की काफी शिकायतें मिल रही है। आवेदन में त्रुटि होने पर आवेदक को सूचित कर सुधार की जानकारी देनी है। बिना सूचना के कोई आवेदन अस्वीकृत नहीं किए जाएंगे। इसे लेकर सभी सीओ को पत्राचार किया गया है।

    मनोज कुमार - अपर सर्माहार्ता, राजस्व