Darbhanga election result: विधानसभा के इतिहास में पहली बार शून्य पर आउट हुआ विपक्ष
Darbhanga election result: दरभंगा जिले में इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। पहली बार विपक्ष अपना खाता भी नहीं खोल पाया। 2010 की एनडीए लहर में भी राजद ने कुछ सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार दरभंगा ग्रामीण जैसी सुरक्षित सीट भी हार गई। राजनीतिक विशेषज्ञ मतदाताओं के इस बदलाव का कारण ढूंढ रहे हैं, क्योंकि एनडीए ने जिले की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की है।

Darbhanga election result: एनडीए ने दरभंगा में शानदार प्रदर्शन किया।
अबुल कैश नैयर, दरभंगा। Darbhanga election result: शुक्रवार को आए जिले की दस विधान सभा क्षेत्रो के चुनाव परिणाम ने बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों को भी मतदाताओं की पसंद के बारे में सोचने पर विवश कर दिया है।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में जब से बिहार विधानसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं, यह पहली बार है जब विपक्ष जिले में अपना खाता तक नहीं खोल सकता है।
विगत 2020 के चुनाव में भले राजद या महागठबंधन को पटना, शाहाबाद क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली हो लेकिन मिथिला में तो एनडीए की आधी ऐसी चली थी कि राजद के वरिष्ठ नेता को अपनी परंपरागत सीट अलीनगर छोड़कर केवटी से चुनाव लडने के बावजूद पराजय झेलनी पड़ी थी।
दरभंगा एनडीए के सुरक्षित किले के रूप में बना रहा था। जिले की दस विधान सभा सीटों में मात्र दरभगा ग्रामीण की एकमात्र सीट ऐसी थी जो राजद के खाते में गई थी।
ललित कुमार यादव राजद के टिकट पर अपनी छठी जीत दर्ज कराने में सफल रहे थे। 2010 में एनडीए की प्रचंड लहर जिसमें राजद संपूर्ण बिहार में मात्र 22 सीटों पर सिमट गया था।
उसे विधान सभा में विपक्ष के नेता की कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी। उस लहर में भी जिले की अलीनगर सीट के साथ दरभंगा ग्रामीण की सीट पर भी लालटेन जल रहा था। एनडीए को आठ सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था।
बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब्दुल बारी सिद्दिकी को विशेषाधिकार के तहत विपक्ष के नेता का दर्जा प्रदान किया था। वह भी पहला अवसर था जब जिले का कोई विधायक विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर विराजमान हुआ था। लेकिन 2025 का चुनाव परिणाम तो ऐसी पटकथा लिख गया कि जिले की सता से विपक्ष का नामोनिशान ही मिट गया।
दरभंगा ग्रामीण जो कल तक विपक्ष के सुरक्षित दुर्ग के रुप में पहचाना जाता था ,वह भी अब ढह चुका है। कोई ऐसी सीट नहीं है जिसे विपक्ष के लिए सुरक्षित समझा जा सके। बड़े बड़े राजनीतिक पडित भी विधान सभा क्षेत्रो के मतदाताओं में आए इस बदलाव के मुख्य कारक की तलाश कर रहे हैं।
विपक्ष के राजनीतिक चिंतक इसका तोड़ खोज रहे हैं। मगर कुछ नतीजा नहीं निकाल पा रहे। फिलहाल तो बस यही चर्चा है कि सभी दस विविध सभा क्षेत्रो में सत्ताधारी एनडीए की जीत एक नया कीर्तिमान रच चुकी है।

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