दरभंगा से अजमेर के बीच जल्द शुरू होगी अमृत भारत ट्रेन, सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने दी जानकारी
रेल मंत्री ने दरभंगा से अजमेर के लिए ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग को मान लिया है। दरभंगा को रेलवे कनेक्टिविटी का केंद्र बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात करके रेलवे परियोजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने दरभंगा रेलवे स्टेशन के निर्माण में तेजी लाने की बात कही।

जागरण संवाददाता, दरभंगा। दरभंगा से अजमेर के बीच ट्रेन सेवा शुरू किए जाने की मांग को रेल मंत्री ने स्वीकार किया है। शीघ्र ही इसकी सभी औपचारिकताओं को पूरा कर अमृत भारत ट्रेन का परिचालन दरभंगा से अजमेर के बीच शुरू किया जाएगा। दरभंगा को रेलवे कनेक्टिविटी का केंद्र बिंदु बनाने की दिशा में सभी आवश्यक पहल किए जा रहे हैं।
सांसद सह रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य डॉ. गोपालजी ठाकुर ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात करने के बाद एक विज्ञप्ति में उपरोक्त बातें कही।
सांसद ने रेल मंत्री से हुई मुलाकात के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वैष्णव के साथ इस अमृत भारत ट्रेन के साथ दरभंगा सहित मिथिला की अन्य महत्वपूर्ण निर्माणाधीन रेल परियोजनाओं के बारे में चर्चा तथा समीक्षा की गई।
सांसद ने बताया कि रेल मंत्री के साथ 335 करोड़ रुपये की लागत से दरभंगा रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। मिथिला के सर्वांगीण विकास को देश ही नहीं वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्र की एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि अमृत भारत योजना के तहत दरभंगा रेलवे स्टेशन, लहेरियासराय स्टेशन, सकरी स्टेशन सहित अन्य प्रमुख रेलवे परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए निर्माण कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है।
सांसद ने समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम से दूरभाष पर निर्माण कार्यों की मंद गति के लिए असंतोष प्रकट किया। कहा कि वे इसके निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देशित करें अन्यथा संबंधित निर्माण एजेंसी व इस निर्माण कार्य के जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए मंत्रालय स्तर पर पहल की जाएगी।
सांसद ने मंत्री वैष्णव को बताया कि मिथिला के केंद्र बिंदु माने जाने वाले दरभंगा रेलवे स्टेशन को 335 करोड़ की लागत से विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है लेकिन जिस मंद गति से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं उसमें गति लाने की आवश्यकता है।
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