दरभंगा एयरपोर्ट को बड़ी राहत, नाइट लैंडिंग व अंतरराष्ट्रीय उड़ान की बाधा खत्म
Darbhanga airport news: दरभंगा एयरपोर्ट के पास बने वाटर वेज बांध को तोड़ने के लिए जल संसाधन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है, जिससे विकास कार् ...और पढ़ें

Night Landing Darbhanga Airport: एयरपोर्ट अथारिटी ने अक्टूबर माह में जल संसाधन विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए लिखा था पत्र। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, दरभंगा। Darbhanga airport construction: दरभंगा एयरपोर्ट के समीप निर्मित वाटर वेज बांध को तोड़कर ऊंचाई कम करने के लिए जल संसाधन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है।
इसके साथ ही दरभंगा एयरपोर्ट पर विकास कार्य ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। हवाई अड्डा परिसर में जलजमाव और बाढ़ से सुरक्षा के लिए दो वर्ष पूर्व में जल संसाधन विभाग ने वाटरवेज रिंग बांध ऊंचा कर दिया था।
इस वजह से कई निर्माण कार्य रुके थे। बांध की ऊंचाई कम करने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी ने अक्टूबर माह में जल संसाधन विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए पत्र लिखा था।
एनओसी की वजह से एयरपोर्ट परिसर में 54 एकड़ भूमि पर नया टर्मिनल बिल्डिंग, एप्रन टैक्सी वे और रनवे पर कैट टू लाइट जैसे निर्माण कार्य प्रभावित थे।
जानकारी के अनुसार, अब 350 मीटर लंबे वाटरवेज रिंग बांध का पूरा स्ट्रैच काटा जाएगा। जबकि 175 मीटर की लंबाई से 1.50 काटकर ऊंचाई कम होगी। फिर कटे हुए बांध को सही किया जाएगा।
सात विमानों का होगा सुरक्षित ठहराव
निर्माण कार्य को पूरा होने के बाद यहां से बेहतर रूप से विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा। रानीपुर में 54 एकड़ भूमि पर नया टर्मिनल बिल्डिंग को तैयार हो जाने से यात्रियों को काफी सुविधा होगी।
नए भवन के अंदर यात्रियों को ठहरने के लिए वेटिंग एरिया, चेकिंग काउंटर, सुरक्षा जांच सहित अन्य कई सुविधाओं को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा।
एप्रन और टैक्सी वे के विस्तार से रनवे पर एक साथ में सात विमानों सुरक्षित ठहराव संभव हो सकेगा। इन सुविधाओं को तैयार हो जाने पर दरभंगा एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा शुरू होने की उम्मीद बढ़ जाएगी।
रात्रि उड़ान के लिए जरूरी कैट टू लाइट
एनओसी मिलने के बाद एयरपोर्ट प्रशासन और निर्माण एजेंसी अधूरे कार्य को फिर से पूरा करने में जुट गई है। रात्रि उड़ान सेवा शुरू करने के लिए रनवे पर कैट टू लाइट लगाना जरूरी मानी जा रही है। रनवे के चारों तरफ अप्रोच लाइटिंग नौ सौ वर्ग मीटर में लगाया जाना है।
अब तक यहां केवल तीन सौ वर्ग मीटर में लाइट का काम पूरा किया गया है। बचे हुए कार्य जनवरी 2026 में पूरा कर लिए जाने की बात कही जा रही है। इसके पूरा होने के बाद रात्रि उड़ान संभव हो सकेगा।
संभव नहीं हो सकी रात्रि उड़ान सेवा
बताते चलें कि दरभंगा एयरपोर्ट की शुरुआत आठ नवंबर 2020 को उड़ान योजना के तहत हुई थी। एयरपोर्ट की शुरुआत से यहां से हवाई सफर करने वाले यात्रियों की मांग रात्रि उड़ान सेवा की रही है।
रात्रि उड़ान के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस कंपनी ने स्लाट भी ले रखा है। इसे चालू वर्ष के अंतिम माह तक पूरा कर लिया जाना था। अब यह कार्य नए वर्ष के जनवरी तक पूरा होने की बात कही जा रही है। जबकि प्रत्येक वर्ष यहां से ठंड मौसम शुरू होने पर उड़ान प्रभावित होती रही है।
नाइट लैंडिंग की स्वीकृति है। इसकी अनुमति अभी न हमारे पास है न हमारे मुख्यालय के पास है। इस सेवा को बहाल करने में कठिनाई आ रही है। रनवे पर अप्रोच लाइट अभी 300 वर्ग मीटर में लग पाया है। जबकि 900 वर्ग मीटर में लाइट लगानी है। उस कार्य को पूरा करने से पहले वाटर वेज रिंग बांध को तोड़ना पड़ेगा। इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल गया है। बांध को तोड़कर कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। यह कार्य नए साल के जनवरी माह के अंत पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चालू कर दिया गया है।
दिलीप कुमार, निदेशक, दरभंगा एयरपोर्ट

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।