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    Darbhanga Airport: इस निर्माण के बाद फ्लाइट विलंब होने की परेशानी से मिलेगी मुक्ति, एक वर्ष में पूरा होगा कार्य

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 07:41 PM (IST)

    Darbhanga Airport 49.02 करोड़ की लागत से एप्रन और टैक्सीवेज का निर्माण शुरू हो गया है। भारत कंपनी को निर्माण का ठेका मिला है जिसे मई 2026 तक पूरा करना है। विभागीय देरी के कारण निर्माण में विलंब हुआ लेकिन अब तेजी से काम चल रहा है। नए एप्रन से एक साथ सात विमानों के ठहराव की व्यवस्था होगी जिससे विमानों का संचालन सुगम होगा।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    संवाद सहयोगी, दरभंगा। Darbhanga Airport: दरभंगा एयरपोर्ट पर एप्रन और टू लिंक टैक्सीवेज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इसको 49.02 करोड़ की लागत से तैयार करना है। रानीपुर पंचायत के बासुदेवपुर मौजा में एप्रन टू के निर्माण की सामग्री पहुंचने लगी है।

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    इसके निर्माण के लिए बीते वर्ष दिसंबर माह के शुरू में निविदा निकाली गई थी। भारत कंपनी के ठेकेदार को निर्माण कार्य शुरू करने के लिए निविदा प्राप्त हुई। निविदा के अनुसार इसका निर्माण कार्य एक वर्ष में पूरा कर लेना चाहिए था।

    किंतु विभागीय प्रक्रिया में देर होने की वजह से अब निर्माण कार्य शुरू किया गया है। एक वर्ष में निर्माण कार्य पूरा करके एयरपोर्ट अथारिटी को सौंप देना है। इसको लेकर निर्माण एजेंसी ने पूरे जोर-शोर से कार्य प्रारंभ कर दिया है।

    दरभंगा  एयरपोर्ट  पर  एप्रन  निर्माण  के चयनित भूमि। जागरण

    गौरतलब हो कि बासुदेवपुर मौजा में 54 एकड़ भूमि पर नए सिविल इनक्लेव का निर्माण कार्य होना है। एप्रन का निर्माण होने से विमानों का निर्धारित समय पर बेहतर ढंग से संचालन हो सकेगा। उस पर एक बार में आराम से सात विमान के ठहराव की व्यवस्था उपलब्ध होगी।

    अभी वर्तमान में एप्रन पर केवल दो विमानों का ही ठहराव होना संभव है। कभी-कभार एक ही समय पर कुछ मिनटों के अंतराल में तीन से चार विमान के पहुंचने पर समस्या गहरा जाती है।

    ठहराव की जगह कम होने की वजह से विमान को एयरपोर्ट पर लैंडिंग की अनुमति नहीं मिलती है। उस स्थिति में पायलट के समक्ष विमान को आसमान में चक्कर लगाने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। नए एप्रन के तैयार हो जाने से इन समस्याओं से राहत मिलेगी।

    विमानों के सुरक्षित ठहराव के लिए बन रहा हैंगर

    एयरपोर्ट पर विमानों के सुरक्षित ठहराव और रक्षा के लिए कई संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। हैंगर विमानों को आपात और बाहरी मौसम से बचाने में सुरक्षा प्रदान करते हैं। उस जगह पर विमानों के रखरखाव और भंडारण की सुविधा होती है। हैंगर के निर्माण में लोहे की धातु, लकड़ी अथवा कंक्रीट आदि का उपयोग किया जाता है।

    एप्रन का निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए भारत कंपनी को ठेका दिया गया है। कार्य को तेजी से कराया जा रहा है। इस कार्य को निर्माण एजेंसी द्वारा मई 2026 में पूर्ण कर एयरपोर्ट अथारिटी को सौंप देना है। विभागीय प्रक्रिया में देरी होने की वजह से निर्माण कार्य शुरू करने में विलंब हुआ। अब इस कार्य को तय समय पर पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।

    नावेद नजीम, निदेशक, दरभंगा एयरपोर्ट