Darbhanga Crime : ट्रेडिंग के नाम पर तीन दिन में उड़ गए 72 लाख, ऐसे रचा गया खेल
Bihar News : दरभंगा में एक व्यवसायी साइबर ठगी का शिकार हो गया। उसे व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर निवेश का लालच दिया गया। ठगों ने फर्जी स्क्रीनशाट दिखाकर 72 लाख से अधिक रुपये ठग लिए। पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने 18 लाख रुपये फ्रीज कर दिए और मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर फ्राड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, दरभंगा । साइबर फ्राड प्रतिदिन नए-नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। एक हथकंडा लोगों की जानकारी में आता है, तो दूसरा तरीका ढूंढ लेते हैं। बड़े-बड़े सपने दिखाते हैं, लालच देते हैं, ताकि किसी तरह लोग उनके जाल में फंसे और वे भोले-भाले लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर सकें।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें लहेरियासराय के एक बड़े और जागरूक व्यवसायी ने जालसाजों के झांसे में आकर अपनी मोटी रकम गंवा दी। लहेरियासराय थाना क्षेत्र के वीआईपी रोड स्थित बलभद्रपुर के आशीर्वाद नामक भवन के निवासी पंकज कुमार पराशर ने साइबर थाने में ठगी मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई है।
उनकी शिकायत पर साइबर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए साइबर फ्राड के खाते में उपलब्ध ठगी की रकम 18 लाख रुपये को फ्रिज कर दिया है। प्राथमिकी में व्यवसायी ने कहा है कि नुवाम इन्वेस्टमेंट सर्किल नाम से बने व्हाट्सएप ग्रुप में आरोही नाम्बुंदी नाम की एक महिला ने उन्हें जोड़ा।
इसके बाद उस महिला ने उन्हें व्हाट्सएपकाल किया, जिसमें मोटा निवेश कर अधिक कमाई का झांसा दिया। इसके बाद कंपनी के मालिक शिव सेहगल ने उन्हें एक फार्म दिया, जिसे उन्होंने भरकर वापस भेज दिया। फिर फ्राड ने उन्हें य्टाक मार्केट से संबंधित इन्वेस्टमेंट प्लान की जानकारी दी।
पीड़ित ने कंपनी के मालिक को बताया कि इससे पहले वह कभी ट्रेडिंग नहीं किए हैं, पहली बार निवेश कर रहे हैं। इस पर ठगों ने कहा कि निश्चिंत रहें, हमारी टीम आपकी पूरी मदद करेगी। पीड़ित ने अपनी पत्नी के खाते से 22 से 31 अक्टूबर तक 72 लाख 10 हजार रुपये निवेश किए।
इधर, 28 से 31 अक्टूबर के बीच फ्राड उन्हें झांसे में लेकर स्टाक्स खरीदने और बेचने को कहता रहा। ठगों ने पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए खरीद-बिक्री का फर्जी स्क्रीन शाट भी भेजा। स्क्रिन शाट में पीड़ित के 72 लाख 10 हजार के निवेश को मुनाफे के साथ जोड़कर एक करोड़ दो लाख रुपये दिखाया।
फ्राड ने फिर पंकज को बातों में उलझाकर एक करोड़ दो लाख के इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने के लिए दो करोड़ दो लाख की राशि जमा करने को कहा। इस दौरान पीड़ित ने राशि निकासी को लेकर कंपनी के संचालक से बात की।
संचालक ने कहा कि इन्वेस्टमेंट की राशि लेनी है तो एक करोड़ 75 लाख भेजें। इसके बाद पीड़ित को आभास होने लगा कि उनके साथ साइबर फ्राड हो गया है। उन्होंने थाने में इसकी लिखित शिकायत की।
ठगी के शिकार व्यवसायी की शिकायत पर उक्त मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अनुसंधान की जा रही है।
-बिपिन बिहारी, साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी।

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