Bihar Latest News : सरकारी और निजी स्कूलों में 22 तक पठन-पाठन रहेगा बंद, आदेश जारी
Darbhanga Latest News : बिहार के दरभंगा जिले में कड़ाके की ठंड के कारण जिलाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 22 दिसंबर तक प्राथमिक और मध्य वि ...और पढ़ें

इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा । बिहार के दरभंगा जिले में कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अगले 22 दिसंबर तक प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में पठन-पाठन बंद रखने का आदेश दिया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि बढ़ती ठंड से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव और उनकी सुरक्षा के दृष्टिकोण से सरकारी और निजी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक में पठन पाठन कार्य स्थगित कर दिया गया।
डीईओ ने शुक्रवार की रात डीएम के निर्देश पर आदेश जारी किया कि 22 दिसंबर तक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य नहीं होगा। लेकिन शिक्षक अपने नियत समय पर विद्यालय पहुंचेंगे। बता दें कि पिछले दो-तीन दिनों से जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
दिन में सूर्य का दर्शन तक नहीं हो पाता है। ऐसे में ठंड से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। बच्चों को विद्यालय आने एवं पठन-पाठन में काफी दिक्कत हो रही थी।
बादलों की ओट में रहा सूरज , पछुआ ने बढ़ाई कंपकंपी
दरभंगा : कोहरा गिरेगा, ठंड बढेगी, इस बात का करंट तो पहले से था, लेकिन एक दिन पूर्व गुरुवार का अनुभव बता रहा था कि घना कोहरा के बावजूद देर से ही सही, सूर्य भगवान का दर्शन तो हो गया था।
मगर आज का अनुभव बिल्कुल उलट था।सवेरे जब लोग बिस्तर से निकले तो आकाश में घने बादलों का डेरा था। कोहरा का कहीं अता पता नहीं था। पछुआ हवा चल रही थी। इससे कंपकंपी हो रही थी।
बादलों से भरे आकाश में ऐसी ठंड की आशा किसी को नहीं थी। विगत पांच वर्षों में दिसंबर माह के मध्य में 10 और 11 डिग्री तक पारा गिरने का अनुमान तो किसी को नहीं था।
सब यही सच रहे थे कि कोसांबा लगेगा और देर सवेरे तो सूरज निकल ही जाएगा। लेकिन पूरे दिन आकाश में बादलों ने ऐसा डेरा डाला कि सूर्य का दर्शन ही दुर्लभ हो गया।
डिजाइनर जैकेट बने युवाओं की पसंद
ठंड बढ़ते ही बाजार में गर्म कपड़ों की दुकानों पर जैसे ग्राहकों की बाढ आ गई। गर्म कपड़े सजाए दुकानदारों के चेहरे भी खिल उठे।उन्हें तो आशा ही नहीं थी कि इस बार ठंड पड़ेगी ही। इसीलिए शुरुआती स्टाक के बाद किसी ने नया उत्पाद मंगाया ही नहीं था।
महिलाएं तो अपने बच्चों के लिए स्वेटर , मोजा और टोपी खरीद रही थी। लेकिन युवकों की टोली स्वेटर छोड़ एयरप्रूफ जैकेट की तलाश में एक दुकान से दूसरी दुकान में मंडरा रहे थे। रहम गज के युवक मो. मोखतार ने कहा कि हम लोग मोटरसाइकिल पर चलते हैं।इस लिए स्वेटर से काम नहीं चलता।
छाती और बाह पर बने डिजाइनर जैकेट खोज रहे हैं लेकिन वह कहीं मिल ही नहीं रहा। सब जगह एक ही प्रकार के जैकेट बिक रहे हैं ।दाम भी वही डेढ़ हजार से कम कहीं नहीं।

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