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    Unique News : मैथिली ने बनाया वो रिकार्ड, जो आज तक यहां किसी के नाम नहीं था

    By Shailendra Kumar Jha Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 04:19 PM (IST)

    Bihar news : दरभंगा में मैथिली भाषा ने एक अद्वितीय रिकार्ड बनाया है, जो पहले कभी किसी के नाम नहीं था। यह उपलब्धि दरभंगा के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में अंकित हो गई है। मैथिली भाषा के विकास में इस रिकार्ड का एक महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    शैलेन्द्र कुमार झा, बेनीपुर (दरभंगा) : अलीनगर की जनता ने इस बार इतिहास लिख दिया। लोक गायिका मैथिली ठाकुर को महज 25 वर्ष की उम्र में विधायक चुनकर उन्होंने ऐसा रिकार्ड बनाया, जो यहां पहले किसी के नाम नहीं था। सुरों की दुनिया से निकलकर राजनीति के मंच पर आईं मैथिली अब अपने मधुर स्वरों की तरह क्षेत्र में विकास की मधुर धुन बिखेरने को तैयार हैं।

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    सुरों की देवी अब लोगों की प्रतिनिधि 

    दरभंगा के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विजयी हुई मैथिली ठाकुर अपने गीतों के जरिए महिला सशक्तीकरण की अलख पहले ही जगा चुकी थीं। अब सदन से वे मिथिला की महिलाओं के आत्मविश्वास को नई ताकत देने वाली हैं।

    विकास में नहीं होगा कोई भेद 

    मैथिली का कहना है कि विकास में महिला व पुरुष का कोई भेदभाव नहीं होगा। युवाओं, शिक्षा, स्थानीय जरूरतों और सांस्कृतिक संरक्षण-ये उनके प्रमुख मुद्दे हैं।

    मधुबनी के संगीतघर से निकली सुरभरी प्रतिभा 

    25 जुलाई 2000 को मधुबनी में शिक्षक परिवार में जन्मी मैथिली के घर में संगीत की गूंज हमेशा रहती थी। पिता रमेश ठाकुर संगीत शिक्षक थे और मां भारती ठाकुर संवेदनशील श्रोता। यही माहौल उनकी सुरभरी आवाज की बुनियाद बना।

    बचपन की धुनें बनीं पहचान 

    शास्त्रीय संगीत, लोकगीत, मैथिली गीत और भजनों का प्रशिक्षण लेते-लेते उनके सुर घर से निकलकर देशभर में छा गए। इंटरनेट मीडिया पर भी उनकी लोकप्रियता किसी सितारे से कम नहीं।

    मिथिला संस्कृति को विश्व मंच तक ले जाने की चाह 

    मैथिली चाहती हैं कि मैथिली भाषा और मिथिला की संस्कृति की मिठास उन लोगों तक पहुंचे, जो अब तक इससे अनभिज्ञ रहे। उनके गाने इसी सांस्कृतिक मिशन के मजबूत हथियार हैं।

    राजनीति में प्रवेश और बना ऐतिहासिक रिकार्ड 

    अक्टूबर 2025 में भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें अलीनगर से टिकट मिला और 14 नवंबर को उन्होंने शानदार जीत दर्ज कर नया इतिहास रच दिया। 25 वर्ष की आयु में वे बिहार की सबसे युवा विधायक बन गईं—यह रिकॉर्ड अब तक किसी के नाम नहीं था।