प्रश्न तो ऐसे थे जैसे प्रवर्तन अवर निरीक्षक नहीं UPSC की परीक्षा दे रहे...परीक्षार्थी का छलका दर्द
दरभंगा में प्रवर्तन अवर निरीक्षक की परीक्षा देने वाले कई अभ्यर्थियों ने प्रश्नों के स्तर पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि प्रश्न पद के अनुरूप नहीं थे ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, दरभंगा। नहीं, नहीं, प्रश्न बिल्कुल भी निरीक्षक बहाली पद के अनुरूप नहीं थे। इनका स्तर तो ऐसा था कि जैसे हमलोग संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने आए हों। एक तो परीक्षा भवन में पंखा कुछ काम नहीं कर रहा था।
ऊपर से उमस ऐसी कि पसीने से शरीर पर जैसे त्रुटियां अलग रेंग रही थीं। रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग की प्रवर्तन अवर निरीक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थियों की उक्त टिप्पणी स्पष्ट बता रही थी कि वे प्रश्नों के स्तर से संतुष्ट नहीं थे।
मिल्लत कालेज परीक्षा केंद्र से निकले प्रिय अशोक ने कहा कि शेष प्रश्न तो कुछ सहज भी थे, लेकिन सामान्य ज्ञान के प्रश्न बहुत जटिल थे। इसके अलावा गणित और रीजनिंग के प्रश्नों का स्तर बहुत ऊंचा था।
अमिषा भी परीक्षा से संतुष्ट नहीं थी। कहने लगी कि बिहार लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग में अंतर है या नहीं। लेकिन प्रश्नों के स्तर तो संघ लोक सेवा आयोग जैसे थे। प्रश्नों के चयन और परिशोधन की प्रक्रिया में चूक निश्चित रूप से परीक्षा भवन में दिखाई दी।
जिला स्कूल परीक्षा केंद्र से निकले मो. हसनैन केवल इसलिए संतुष्ट थे कि इस बार कट ऑफ बहुत कम रहेगा तो उनका चयन सुनिश्चित है। कहने लगे कि परीक्षा तो हमारी भी आशा के अनुकूल नहीं गई है, लेकिन अपेक्षाकृत प्रश्नों को समझने का प्रयास किया। यह प्रतियोगिता परीक्षा है।
इसमें समग्रता में तैयारी की आवश्यकता पड़ती है। सेलेक्टिव तैयारी से काम नहीं चलता। प्रश्न जटिल अवश्य थे मगर समझ से बाहर नहीं थे। पहले तो मैं भी चकरा गया था। लेकिन जब ध्यान से सोचा तो समझ आने लगी।
हालांकि इसमें समय लगा, जिसके कारण कुछ प्रश्न छूट भी गए। किलाघाट स्थित सीएम कालेज परीक्षा केन्द्र से निकले ज्योति प्रकाश भी परीक्षा से संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि संविधान से जुड़े प्रश्नों की इसमें आवश्यकता ही नहीं थी। फिर भी पूछा गया था।

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