Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: मधुबनी में 4 बच्चों संग पकड़ाई रोहिंग्या महिला, इस्लामी संघ नेपाल की घुसपैठ में संलिप्तता की बात आई सामने

    By Mukesh SrivastavaEdited By: Prateek Jain
    Updated: Mon, 11 Dec 2023 09:22 PM (IST)

    इस्लामी संघ नेपाल (आईएसएन) जैसे संगठनों की रोहिंग्याओं की घुसपैठ में संलिप्तता सामने आ रही है। इसके लोग भारत में भी सक्रिय हैं। मधुबनी में चार बच्चों के साथ पकड़ी गई रोहिंग्या बेगम ताहिरा को दिल्ली से नेपाल के काठमांडू इसके ही दो सदस्यों ने पहुंचाया। दोनों दिल्ली में ही सक्रिय हैं। पूछताछ में यह बात सामने आने के बाद पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है।

    Hero Image
    मधुबनी में 4 बच्चों संग पकड़ाई रोहिंग्या महिला, इस्लामी संघ नेपाल की घुसपैठ में संलिप्तता की बात आई सामने

    मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा। इस्लामी संघ नेपाल (आईएसएन) जैसे संगठनों की रोहिंग्याओं की घुसपैठ में संलिप्तता सामने आ रही है। इसके लोग भारत में भी सक्रिय हैं।

    मधुबनी में चार बच्चों के साथ पकड़ी गई रोहिंग्या बेगम ताहिरा को दिल्ली से नेपाल के काठमांडू इसके ही दो सदस्यों ने पहुंचाया। दोनों दिल्ली में ही सक्रिय हैं। पूछताछ में यह बात सामने आने के बाद पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जांच में यह बात सामने आई है कि आईएसएन के नेटवर्क में एक-दो नहीं सैकड़ों लोग शामिल हैं, जो भारत के विभिन्न राज्यों में रहते हैं। आईएसएन का नेपाल कई मुस्लिम संगठनों से भी संबंध है। कहने को तो ये समाजसेवा व धार्मिक गतिविधियों से जुड़े हैं।

    अपने संगठन का विचार समाज के लोगों तक पहुंचाने का काम करते हैं, लेकिन इसकी आड़ में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की घुसपैठ में सक्रियता बताई जाती है।

    घुसपैठ के दौरान सभी को बेहतर जिंदगी जीने के लिए सुरक्षित स्थान देने का वादा किया जाता है। पहले तो जनसंख्या बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। फिर से ऐसे लोगों से गलत काम भी करवाते हैं।

    सस्ते लेबर के रूप में करते इस्तेमाल

    आईएसएन को इन्हीं संगठनों के माध्यम से यह जानकारी रहती है कि भारत के किन-किन प्रांतों में और कहां रोहिंग्या हैं। ऐसी जगहों पर इसके सदस्य पहले रोहिंग्या को विश्वास में लेते हैं। उन्हें काम दिलाने का ठेका लेते हैं। सस्ते लेबर के रूप में उनका इस्तेमाल करते हैं।

    झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहने का ठिकाना भी देते हैं। रोहिंग्या बेगम ताहिरा से पूछताछ में पता चला है कि इन्हीं के माध्यम से उसे भी मजदूरी का काम मिलता था। प्रतिदिन दो से तीन सौ रुपये उसे दिए जाते थे।

    बाकी रकम ठेकेदार रख लेते थे। आईएसएन से जुड़े लोगों वे ठेकेदारों की मदद से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने में भी कामयाब हो जाते हैं। ताहिरा व उसके बच्चों को छुड़ाने के लिए आईएसएन के लोग सक्रिय हैं।

    रोहिंग्या महिला को बच्चों के साथ घुसपैठ कराने में पकड़े गए दरभंगा जिले के मो. फरमुद, मो. कादिर व मो. नियामत तो इस नेटवर्क के छोटे प्यादे हैं। पूछताछ में तीनों ने बताया कि वे लोग तो मजदूर हैं। इसी तरह के लोगों की घुसपैठ कराते हैं।

    हाई प्रोफाइल लोगों के लिए बड़े लेवल पर नेटवर्क काम करता है, जो पासपोर्ट तक मुहैया करा देता है। पूछताछ में यह भी बताया कि काठमांडू में इस तरह के काम करने वाले कई लोग शामिल हैं। मजदूर क्लास के लोगों के कागजात बनवाने के लिए वे आईएसएन के कार्यकर्ताओं से मदद लेते हैं।

    जांच के दायरे में आईएसएन

    आईएसएन पर भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजर 2018 से है। सूत्रों की मानें तो अब तक के जांच में कई ऐसे लोगों के नाम आए हैं, जिन्होंने भारतीय आतंकवादियों को पनाह देने का काम किया है।

    बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों में शामिल अब्दुल सुभान कुरेशी उर्फ तौकीर और आरिफ मोहम्मद उर्फ जुनैद की जब जनवरी 2018 में दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी तो पूछताछ में आईएसएन सहित कई संगठनों का नाम सामने आया था।

    बताया गया था कि आईएसएन के निजामुद्दीन उर्फ निजाम ने दोनों आतंकियों का ना सिर्फ फर्जी पासपोर्ट बनवाया बल्कि, अपने घर नेपाल के विराटनगर से सुरक्षित ठिकाना भी दिया था। इसके बाद से ही यह संगठन रडार पर चल रहा है।

    यह भी पढ़ें - 'बिहार में जातीय गणना हुई ही नहीं', Chirag Paswan का CM नीतीश कुमार पर हमला; बोले- बंद कमरे में हुआ...

    यह भी पढ़ें - Bihar Politics: पीएम आवास योजना में भारी भ्रष्टाचार, मुर्दों के नाम पर भी घर कर दिया आवंटित; भाजपा का नीतीश सरकार पर जोरदार हमला