Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार के इन जिलों में International Dacoit का आतंक, पुलिस को भनक तक नहीं

    Bihar Crime दरभंगा में डकैती की घटनाओं में वृद्धि हो रही है जिनमें नेपाल से बदमाशों के शामिल होने की आशंका है। पुलिस जांच में जुटी है लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। स्थानीय लोगों की भूमिका भी संदिग्ध है। हाल की घटनाओं में अपराधियों ने पीड़ितों को बंधक बनाकर लाखों के सामान लूट लिए जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई है।

    By Mukesh Srivastava Edited By: Ajit kumar Updated: Fri, 04 Jul 2025 04:58 PM (IST)
    Hero Image
    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    जागरण संवाददाता, दरभंगा। Bihar Crime : दरभंगा में इन दिनों डकैती करने के लिए नेपाल से बदमाश आ रहे हैं। वारदात को अंजाम देकर चले भी जाते हैं और स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लग रही है। डेढ़ साल के अंदर जिन 14 घरों में डकैती हुई है, उसमें दो के तार नेपाल से मिले हैं। ऐसे में पुलिस की फजीहत अधिक हो रही है। लोग जानना चाहते हैं आखिरकार पुलिस कर क्या रही है। हालांकि, एक बार फिर पुलिस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान करने में जुटी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डेढ़ वर्ष के अंदर लगातार डकैती घटना

    बताया जा रहा है कि दरभंगा जिले के उत्तर-पश्चिम से लेकर उत्तर-पूर्वी इलाके के जाले, केवटी, सदर, मनीगाछी और बहेड़ा थानाक्षेत्र में डेढ़ वर्ष के अंदर लगातार डकैती घटना घटी है। यह इलाका मधुबनी और सीतामढ़ी जिले का सीमावर्ती क्षेत्र है। जिसका सीधा संबंध नेपाल से है।

    नेपाल के बदमाशों के होने का साक्ष्य

    02 नवंबर 2023 की रात सदर थानाक्षेत्र के लक्ष्मीसागर बैंकर्स कालोनी में बैंक कर्मी प्रभाष चंद्र मिश्रा के घर डकैती दौरान हत्या मामले में नेपाल के बदमाशों के होने का पहला साक्ष्य मिला था। पुलिस ने एक स्थानीय किशोर को दबोचकर जब पूछताछ की तो वारदात को नेपाल के बदमाशों द्वारा अंजाम देने की बात कही ।

    कोई कार्रवाई नहीं हुई

    घटना के सातवें दिन किशोर ने पुलिस को बताया कि उसे मामूली भर आभूषण मिला। जिसे वह एक स्थानीय आभूषण दुकानदार के हाथ बेच दिया है। इसके बाद पुलिस ने दुकानदार को भी गिरफ्तार जेल भेज दिया। लेकिन, इसके बाद आगे की कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि, इस वारदात को अंजाम देने के लिए नेपाल के बदमाश पीड़ित परिवार के पड़ोस में बंद पड़े मकान के ताले को तोड़कर कई दिनों तक रहने का भी काम किया था। किशोर ने यह स्वीकार किया वह सिर्फ लाइनर का काम किया था।

    एक दर्जन घरों में डकैती

    बता दें कि इस वारदात में बैंक कर्मी के वृद्ध पिता डीआरडीए से रिटायर्ड कर्मी जीतश चंद्र मिश्रा (66) की हत्या कर दी गई थी। जबकि, उनकी मां रेणु देवी (58) को अधमरा कर डेढ़ लाख नकदी और 15 लाख के आभूषण सहित जमीन और बैंक से जुड़े से कई दस्तावेजों की डकैती कर सभी बदमाश फरार हो गए थे। इस घटना के बाद एक दर्जन घरों में डकैती हुई।

    मैथिली के अलावा नेपाली में भी बात

    उधर, 21 जून 2025 की रात जब सदर थानाक्षेत्र के छोटाईपट्टी के बेलही गांव में रिटायर्ड शिक्षक मो. तुफैल अहमद के घर डकैती हुई तो 10-15 बदमाश आपस में मैथिली के अलावा कभी-कभी नेपाली भाषा में भी बात कर रहे थे। दो बदमाशों की लंबाई पांच फिट था। ऐसे में दोनों बिल्कुल नेपाली की तरह दिख रहे थे। जो गृहस्वामी के मासूम नाती मो. साहिल के हाथ-पांव बांधकर बंधक बना लिया।

    डकैती पर ब्रेक लगाना पुलिस के लिए चुनौती

    इसके बाद सभी बदमाशों ने 85 सौ नकदी और 10-12 लाख के आभूषण डकैती कर फरार हो गए। जाते-जाते बदमाशों ने घर के बाहर झोला से निकालकर दो बम भी ब्लास्ट कर दिया। ऐसे में डकैती की घटना पर ब्रेक लगाना पुलिस के लिए चुनौती हो गई है। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि बहुत जल्द मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा। लेकिन, 14 दिनों के बाद भी पुलिस को काेई सुराग नहीं मिला है। ऐसे में लोगों में दहशत का माहौल है। इस बारे में वरीय पुलिस अधीक्षक से बात करने की कोशिश की गई, किंतु संपर्क नहीं हो सका।