नेताजी ने समय देख फिर बदला रंग, लोगों की तारीफ सुन उनको खुद पर नहीं हो रहा यकीन
बिहार की राजनीति में रंग बदलने वाले नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। हाल ही में एक नेताजी ने फिर रंग बदला है, जिस पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ आलोचना। नेताजी को खुद पर यकीन नहीं हो रहा कि लोग उन्हें इतना पसंद कर रहे हैं।

इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा। विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज गई है। नेताजी पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुके हैं। हालांकि, इस बार अन्य चुनावों के मुकाबले फिजा कुछ बदली-बदली नजर आ रही है। जातिवाद और धर्म की जगह हर ओर विकास की चर्चा है।
पक्ष और विपक्ष दोनों ही इसे एजेंडा बनाकर चल रहे हैं। यही कारण है कि नेताजी इस बार जाति की जगह लाभुकों की संख्या गिन रहे हैं। दरभंगा जिले में चार लाख 72 हजार 101 पेंशनधारियों के खाते में 700 रुपये वृद्धि के साथ पेंशन राशि भेजी गई है। जिसे लुभाने की कोशिश जारी हो गई है।
सरकार की उपलब्धि बता रहे
सत्तापक्ष के कार्यकर्ता घर-घर जाकर इसे सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं। जबकि, विपक्ष वृद्धि राशि को कम बता रहा है। लाभुकों को समझाया जा रहा है कि यह राशि अब भी कम है। आशीर्वाद मिला तो बहुत जल्द 15 सौ रुपये खाते में आने शुरू हो जाएंगे।
चुनाव में महत्व बढ़ गया
लाभुकों की रोजाना किसी न किसी नेताजी से मुलाकात हो रही है। बिरौल के नारायणपुर की नीलम कुमारी, अहिलवारा निवासी मंतरिया देवी, हनुमाननगर के रामसजीवन ठाकुर कहते हैं कि कल तक कोई उन्हें याद नहीं कर रहा था, लेकिन इस चुनाव में उनका महत्व बढ़ गया है।
चुनाव में बदले रंग
हर किसी को अब उनकी चिंता होने लगी है। ऐसे में इस चुनाव में बदले रंग को देख काफी खुशी मिल रही है। बता दें कि जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में 60 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं की संख्या तीन लाख 10 हजार 165 है।
वृद्धों की चिंता
दरभंगा सीनियर सिटीजन क्लब के अध्यक्ष हरिनारायण सिंह का कहना है कि उनकी संख्या 12 प्रतिशत है। जिनकी मतदान दर 97 प्रतिशत है। ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से वृद्धों की चिंता स्वाभाविक है। वहीं, मुजफ्फरपुर जिले की पांच लाख 18 हज़ार 237 महिलाओं के खाते में राशि का अंतरण किया गया है।
प्रवासन रोकने की हो रही बात
युवा भी गदगद हैं, क्योंकि हर नेताजी उनके भविष्य को भी संवारने की बात कर रहे हैं। उन्हें नौकरी और रोजगार से जोड़ने का आश्वासन दिया जा रहा है। जिन युवाओं को कल तक जाति की बेड़ियों में बांधने की कोशिश हो रही थी, आज हर नेता उसे विकास से जोड़ने में लगे हैं।
दरभंगा शहर के मदारपुर निवासी रामदयाल चौधरी, मिश्रटोला के महेश मिश्रा, उर्दू मोहल्ले के मो. रब्बानी कहते हैं कि नेताओं को पहली बार चुनाव में युवाओं की चिंता करते देख रहे हैं। कल तक जिसे गुमराह कर इस्तेमाल किया जा रहा था, उसे सही दिशा देने की बात हो रही है।
चाहे प्रवासन रोकने की बात हो या घर बैठे 30 हजार रुपये का रोजगार देने की। अब तो स्नातक पास युवाओं को भत्ता भी मिलेगा। लड़कियों में भी काफी उत्साह है। उसे भी ऊंचाई तक पहुंचाने की बात हो रही है।
महिला वोटरों पर सबकी नजर
महिलाएं तो खुशी से फूले नहीं समा रहीं। रोजगार शुरू करने के लिए ढाई लाख से अधिक महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की राशि रोजगार के लिए भेजी गई है। इतना ही नहीं, हर माह सम्मानजनक राशि देने की बात भी कही जा रही है।
ऐसे में हर जाति और धर्म की महिलाएं एक पंक्ति में आकर सिर्फ विकास की बात कर रही हैं। करमगंज की रेहाना खातून, जीएन गंज की गायत्री देवी, सुंदरपुर की पार्वती देवी ने बताया कि महिलाओं का विकास होगा तो एक परिवार समृद्ध होगा। आज हर किसी को इसकी जरूरत है।
बता दें कि जिले में महिला मतदाताओं की संख्या 13 लाख 62 हजार 985 है। जिनका मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में काफी अधिक रहता है। यही कारण है कि इस चुनाव में कोई जाति व्यवस्था को ना तो रंग देने की कोशिश कर रहा है और ना ही उस झांसे में कोई आने को तैयार है। सब विकास की बात कर रहे हैं। नतीजतन, नेताजी भी उनके भाव को देखते हुए सिर्फ विकास की ही बात कर रहे हैं।
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