Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Election: तेजस्वी के मिशन मिथिलांचल को ओवैसी व प्रशांत किशोर लगा सकते पलीता

    By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Ajit kumar
    Updated: Tue, 14 Oct 2025 06:47 PM (IST)

    Bihar Vidhan Sabha Chunav: कभी राजद का गढ़ रहे मिथिला में अब ओवैसी और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने मुस्लिम कार्ड खेला है। जन सुराज ने दरभंगा जिले से कई मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे महागठबंधन के समीकरण बिगड़ने की आशंका है। ओवैसी ने भी कई सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है, जिससे मुस्लिम युवा पीढ़ी उत्साहित है। इससे मिथिला में महागठबंधन को नुकसान हो सकता है।

    Hero Image

    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    मृत्युंजय भारद्वाज, दरभंगा। Bihar Assembly Election 2025: कभी संपूर्ण मिथिला राजद का सुरक्षित किला माना जाता था। मुसलमानों के साथ यादवों की युगलबंदी ने ऐसा सुरक्षित किला तैयार किया था जिसमें स्व. गुलाम सरवर , मो. अली अशरफ फातमी और अब्दुल बारी सिद्दिकी को बिहार का नेता बन दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2005 के बाद राजद का यह किला धीरे धीरे ध्वस्त होने लगा। 2020 के विधानसभा चुनाव में मिथिला की बौद्धिक राजधानी कहे जाने वाले दरभंगा जिला की 10 में से मात्र एक दरभंगा ग्रामीण राजद को मिली, शेष नौ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने कब्जा जमा लिया।

    अब्दुल बारी सिद्दिकी अपना गृह क्षेत्र अलीनगर बदलकर केवटी से चुनाव लड़े, फिर भी हार गए। इसके बावजूद दरभंगा के अलावा संपूर्ण मिथिला में महागठबंधन के सबसे बड़ा घटक राजद दूसरी राजनीतिक शक्ति के रूप में आज भी बरकरार है।

    मगर आसन्न विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी और प्रशांत किशोर की जनसुराज ने जो मुस्लिम कार्ड खेला है , वह अगर चल गया तो महागठबंधन का पूरा बंटाधार हो जाएगा। अब तक जन सुराज ने केवल दरभंगा जिले से घोषित आधा दर्जन विधान सभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों में अल्पसंख्यक समाज में पकड़ रखने वाले तीन मुस्लिम प्रत्याशियों को जगह दी है।

    बहादुरपुर में महागठबंधन के मजबूत उम्मीदवार भोला यादव के खिलाफ वरिष्ठ राजद नेता मो. अली अशरफ फातमी के चचेरे भाई आमिर हैदर को उतार दिया। इसने फातमी के सामने भी धर्म संकट उत्पन्न कर दिया है।

    दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से दिल्ली पब्लिक स्कूल के संचालक डा. शोएब अहमद खां राजद के छह बार के विधायक ललित यादव से दो दो हाथ कर रहे हैं। गौड़ाबौराम से दंत चिकित्सक के रूप में क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखने वाले डा. इफ्तेखार आलम को टिकट देकर महागठबंधन के समीकरण को पूरी तहत दरका दिया है।

    उधर एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी जाले , केवटी और गौड़ाबौराम से उम्मीदवार देने की घोषणा से मुसलमानों की युवा पीढ़ी ताव खा रही है। मधुबनी के बिस्फी से भी प्रत्याशी उतारे जाएंगे।

    ओवैसी ने जिस हिसाब से क्षेत्र का चयन किया है और अंदरखाने जो चल रहा है वह बता रहा है कि दरभंगा के साथ मधुबनी आदि जिलों में ओवैसी सारी सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार ही देंगे। अगर ऐसा ही रहा तो निश्चित है कि आने वाले चुनाव में मिथिला में पहले से बने महागठबंधन के सभी समीकरण ध्वस्त हो जाएंगे।