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Bihar College News: सालभर से कॉलेजों के खातों में पड़े छात्रों के 25 करोड़, प्रशासन नहीं कर रहा वापस

दरभंगा मधुबनी समस्तीपुर एवं बेगूसराय के अंगीभूत एवं संबद्ध 41 कॉलेजों समेत पीजी अध्ययन वाले विभागों की ओर से अनुसूचित जाति जनजाति एवं सभी वर्ग की महिला छात्रों से वित्तीय वित्तीय वर्ष 2016-17 2017-18 2018-19 एवं 2019-20 में ली गई नामांकन शुल्क की राशि सालभर बाद भी नहीं लौटाई जा सकी है। बता दें विश्वविद्यालय बार-बार संबंधित कॉलेजों को राशि वापस करने को लेकर निर्देशित भी किया जा चुका है।

By Prince Kumar Edited By: Rajat Mourya Published: Thu, 28 Mar 2024 03:35 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 03:35 PM (IST)
Bihar College News: सालभर से कॉलेजों के खातों में पड़े छात्रों के 25 करोड़, प्रशासन नहीं कर रहा वापस
सालभर से कॉलेजों के खातों में पड़े छात्रों के 25 करोड़, प्रशासन नहीं कर रहा वापस (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन 41 अंगीभूत कॉलेजों के एससी-एसटी व महिला छात्र-छात्राओं से नामांकन के समय ली गई राशि सालभर बाद भी वापस नहीं की गई हैं। सभी कॉलेजों के खाते में सालभर पूर्व छात्रों के नामांकन मद में 25 करोड़ रुपये वापस किए गए थे।

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दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर एवं बेगूसराय के अंगीभूत एवं संबद्ध 41 कॉलेजों समेत पीजी अध्ययन वाले विभागों की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति एवं सभी वर्ग की महिला छात्रों से वित्तीय वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में ली गई नामांकन शुल्क की राशि सालभर बाद भी नहीं लौटाई जा सकी है।

विश्वविद्यालय की ओर से वर्ष 20216 से 20 तक इस मद के लिए सरकार से 74 करोड़ 21 लाख 41 हजार एक सौ 33 रुपये की मांग की गई थी। इसके आलोक में सरकार ने विभिन्न 41 कालेजों के लिए वर्ष 2023 के मार्च माह में ही 25 करोड़ रुपये लौटा दी थी। इसके बाद भी अब तक वापसी मद की राशि छात्र-छात्राओं को नहीं लौटाई जा सकी है।

बता दें कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सभी वर्गों की महिला विद्यार्थियों से सामान्य पाठ्यक्रम में नामांकन स्नातकोत्तर स्तर तक शिक्षा में प्रत्येक स्तर पर नामांकन के समय सभी प्रकार के शुल्क नहीं लिए जाने का निर्देश जारी है। इसके बाद भी विभिन्न कॉलेज प्रशासन की ओर से अवैध रूप से नामांकन समेत अन्य शुल्क लिए जा रहे हैं।

इतना ही नहीं, ऐसे कॉलेज प्रशासन को सख्त निर्देशित किया गया है कि अगर उक्त श्रेणी के विद्यार्थियों से नामांकन शुल्क लिए गए हैं, तो उन्हें तत्काल वापस किए जाएं। निर्देश के बाद भी अब तक एक भी विद्यार्थियों को अवैध रूप से लिए गए नामांकन शुल्क नहीं वापस किए जा रहे हैं।

बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बार-बार संबंधित कॉलेजों को राशि वापस करने को लेकर निर्देशित भी किया जा चुका है, इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

अंगीभूत कॉलेजों को वापसी मद की राशि भेजी गई थी

विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत कॉलेजों में नामांकित एससी-एसटी और सभी वर्गों की महिला छात्राओं से नामांकन के समय लिए गए सभी तरह के शुल्क वापसी के लिए सालभर पूर्व 41 अंगीभूत कालेजों को यूजी-पीजी नामांकन शुल्क वापसी मद में 25 करोड़ रुपये भुगतान किया गया था।

इसके बाद भी उक्त वर्ग के छात्र-छात्राओं को नामांकन के समय ली गई राशि अब तक लौटाई नहीं की गई है।अब कॉलेज प्रशासन विभिन्न सत्रों के छात्र-छात्राओं से नामांकन के समय ली गई सभी तरह की राशि लौटाने की दिशा में ना नूकुर करता दिख रहा है।

कई कॉलेजों के प्रधानाचार्यों ने बताया कि यूजी-पीजी नामांकन शुल्क वापसी मद में राशि प्राप्त हो चुकी है। लेकिन यह राशि छात्रों को लौटाई जाने को लेकर अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। दिशानिर्देश मिलने के बाद ही इसपर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

एक से दूसरे संस्थान में नामांकन लेने वाले छात्रों के भी वापस नहीं हो रहे शुल्क

स्नातक व स्नातकोत्तर में नामांकन लेने वाले छात्रों के लिए यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले उन सभी छात्रों को राहत दी है, जिन्होंने एक संस्थान से दूसरे संस्थान में एडमिशन ले लिया है।

यूजीसी ने हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को स्पष्ट शब्दों में निर्देश देते हुए कहा है कि वे उन स्टूडेंट्स की फीस वापस करें, जिन्होंने पहले एक कालेज में एडमिशन और फिर किसी अन्य संस्थान में नामांकन करवा लिया है। इसके बाद भी मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन विभिन्न कॉलेजों व संस्थान से दूसरे संस्थानों में नामांकन करवाने वाले छात्रों के शुल्क वापस नहीं किए जा रहे हैं।

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