Bihar Politics: बक्सर की जेल से निकलेगी मोटका रस्सी, हसीन सपना देखने वालों का होगा अंत
बिहार की राजनीति में बक्सर जेल से 'मोटका रस्सी' निकलने की बात से हलचल है। यह रस्सी, जो फांसी के लिए इस्तेमाल होती है, उन लोगों के लिए चेतावनी मानी जा रही है जो सत्ता के सपने देख रहे हैं। इस घटनाक्रम से बिहार की राजनीति में उथल-पुथल की संभावना बढ़ गई है।

दरभंगा में मीडिया से मुखातिब पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे व अन्य। जागरण
जागरण संवाददाता, दरभंगा। भाजपा के स्टार प्रचारक पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि बक्सर के जेल में मोटका रस्सा तैयार होता है। वह पूरे देश में जाता है। 14 नवंबर के बाद मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री बनने के लिए मुंगेरी लाल का हसीन सपना देखने वालों को जनता मोटका रस्सी से फांसी पर लटकाने का काम करेगी। उनका राजनीतिक अंत हो जाएगा।
पप्पू, सप्पू सब हो जाएंगे समाप्त
दिल्ली एवं बिहार के पप्पू, सप्पू, लप्पू, गप्पू सब समाप्त हो जाएंगे। नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में अभी जमानत पर हैं। इसके बाद मुख्य कैदी बनकर रह जाएंगे। उन्होंने भगोड़े लोगों पर अपना वोट बर्बाद नहीं करने की अपील की। वे शनिवार को शहर के पूअर होम चौक स्थित राजग कार्यालय में मीडिया से मुखातिब थे। चौबे ने कहा कि जाति से राजनीति नहीं होती है।सनातन संस्कृति के माध्यम से हमने देश एवं राज्य में विकास किया है। देश में 82 प्रतिशत लोग सनातन संस्कृति के हैं। जिसके डीएनए में ही भ्रष्टाचार एवं नरसंहार का रक्त संचारित होता है। उसपर लोकतंत्र की जननी बिहार के लोग कतई विश्वास नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ही बिहार चुनाव के चेहरा हैं और मुखिया हैं और आगे भी रहेंगे।
पहले लोग जंगलराज कहकर पुकारते थे
एनडीए की डबल इंजन सरकार में विकसित बिहार का संकल्प बहुत दूर तक पहुंच चुका है। 2005 से पहले बिहार आर्थिक, सामाजिक हर परिप्रेक्ष्य मे रोता हुआ बिहार था। भय, भूख, भ्रष्टाचार एवं आतंक का माहौल था। लोग जंगलराज कहकर पुकारते थे। अपहरण उद्योग था, जो एक अणे मार्ग से गाइड होता था। हम हंसता हुआ बिहार बना रहे हैं। 2030 तक एक करोड़ लोगों को रोजगार दिया जाएगा। मिथिला की धरती पर शक्तिपीठ की स्थापना होगी। मौके पर सांसद डा. गोपालजी ठाकुर, मंत्री व प्रत्याशी संजय सरावगी आदि मौजूद थे।

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