क्या आप साइबर अपराधियों के नए जाल से सुरक्षित हैं?, ऐसे करें बचाव
Bihar Latest News : दरभंगा में साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। बुजुर्गों को भावनात्मक रूप से कम ...और पढ़ें

इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। आनलाइन ठगी के तरीके हर दिन बदल रहे हैं और साइबर अपराधी लोगों को रुपयों का लालच देकर जाल में फंसा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें और सही तरीके से खुद को सुरक्षित रखें। जागरूकता ही साइबर ठगी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्ग बन रहे टारगेट
बिहार में डिजिटल अरेस्ट से लेकर अनेको प्रकार की आनलाइन, आफलाइन व एटीएम बदल कर रुपये ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सबसे अधिक शिकार घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्ग हो रहे हैं, जिन्हें ठग भावनात्मक रूप से कमजोर पाकर आसानी से अपने जाल में फंसा लेते हैं।
शातिर ठग पहले बुजुर्गों से अपनापन दिखाकर बातचीत शुरू करते हैं और फिर धीरे-धीरे पारिवारिक, सामाजिक या धार्मिक विषयों पर विश्वास जीतकर उनसे पैसे की ठगी कर लेते हैं।
जब तक बुजुर्गों को एहसास होता है कि वे ठगी के शिकार हो चुके हैं, तब तक ठग फरार हो जाते हैं। ठगी के ये मामले कई स्वरूपों में सामने आ रहे हैं। कभी ठग खुद को साधु बताकर पुण्य कार्य के लिए चंदा मांगते हैं, तो कभी उच्च अधिकारी बनकर किसी जरूरी काम के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं।
डिजिटल साक्षरता की कमी, भावनात्मक अकेलापन, विश्वास प्रवृत्ति और आर्थिक स्थिरता बुजुर्गों को इन ठगों का आसान निशाना बनाती है। इन दिनों कागज का बंडल थमा कर रूपये की फर्जीवाड़ा एटीएम कार्ड बदल कर बैंक खाते से राशि निकासी का मामला सामने आ रहा है। साइबर अपराधी योजनानुसार तरह तरह का ठगी कर रहे हैं।
सतर्क नहीं पर साइबर अपराधी नहीं कर सकते ठगी
- किसी अजनबी लिंक पर क्लिक न करें, ठग अक्सर लिंक भेजकर आपके मोबाइल में एक्सेस पा लेते हैं।
- बैंक, ओटीपी या एटीएम पिन किसी से साझा न करें, बैंक कभी भी फोन पर विवरण नहीं मांगता।
- अनजान काल पर ‘कस्टमर केयर’ बनकर बात करने वालों से बचें, कई फर्जी काल सेंटर सक्रिय हैं।
- सोशल मीडिया पर पैसे का लालच दिखाने वाले विज्ञापनों से दूरी रखें
- फर्जी निवेश और इनाम वाले संदेश सबसे बड़ा झांसा होते हैं।
- मोबाइल में यूपीआई, बैंकिंग एप का पिन किसी को न बताएं
- ओटीपी और यूपीआई पीन साझा करते ही खाता खाली हो सकता है।
- ठगी होने पर तुरंत 1930 पर काल करें।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।