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    महारानी कामसुंदरी के बाद धार्मिक न्यास के ट्रस्टी होंगे राजेश्वर एवं कपिलेश्वर सिंह, 47 वर्ष पुराने मामले में कोर्ट का फैसला

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 05:51 PM (IST)

    कोर्ट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि महारानी अधिरानी कामसुंदरी की मृत्यु के पश्चात राजेश्वर सिंह और कपिलेश्वर सिंह दरभंगा में अवस्थित कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास के ट्रस्टी होंगे। उपरोक्त दोनों व्यक्ति राज परिवार के सदस्य और भविष्य के ट्रस्टी होने को लेकर इस ट्रस्ट का निरीक्षण और लेखा प्राप्त करने के अधिकारी होंगे।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

     संवाद सहयोगी, दरभंगा। दरभंगा राजपरिवार के सदस्य राजेश्वर सिंह और कपिलेश्वर सिंह बनाम महारानी अधिरानी काम सुंदरी देवी एवं अन्य से संबंधित 47 वर्ष पूर्व संस्थित हकीयत वाद में सब जज नवम कुमार रितेश की अदालत ने निर्णय पारित किया है।

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    कोर्ट ने अपने आदेश में अंकित किया है कि महारानी अधिरानी कामसुंदरी की मृत्यु के पश्चात राजेश्वर सिंह और कपिलेश्वर सिंह दरभंगा में अवस्थित कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास के ट्रस्टी होंगे। उपरोक्त दोनों व्यक्ति राज परिवार के सदस्य और भविष्य के ट्रस्टी होने को लेकर इस ट्रस्ट का निरीक्षण और लेखा प्राप्त करने के अधिकारी होंगे।

    वहीं वर्तमान ट्रस्टी महारानी को निर्देशित किया गया है कि ट्रस्ट डीड में वर्णित तथ्यों के आलोक में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहेंगी। यदि भविष्य में वादी राजेश्वर सिंह और कपिलेश्वर सिंह को लगे कि ट्रस्ट के संचालन में कुप्रबंधन हो रहा है तो वे इस अदालत में विविध वाद अर्पित कर विधिक राहत प्राप्त कर सकते हैं।

    अदालत ने महारानी को निर्देशित किया है कि मंदिरों के पुजारी का भुगतान, राजभोग, संध्या उत्सव आदि कार्य कराएंगे। वहीं ट्रस्टी द्वारा मैनेजर को दी गई पावर आफ अटार्नी के आधार पर ट्रस्ट की भूमि और जेवरात की बिक्री बिना कोर्ट की पूर्व अनुमति के नहीं करेंगे।

    यदि करेंगे तो अमान्य माना जाएगा। कोर्ट ने यह भी आदेशित किया है कि हकीयत वाद संख्या 45/1978 के लंबित रहने की अवधि में अगर ट्रस्टी द्वारा ट्रस्ट की कोई संपत्ति बेची गई है तो उसको वादी अदालत में चुनौती दे सकते हैं।

    कोर्ट ने एसबीआइ मेन ब्रांच दरभंगा के लाकर में रखे जेवरात को बिना न्यायालय की अनुमति लिए निकासी नहीं करने का आदेश ट्रस्टी को दिया है। वहीं कोर्ट ने एसबीआइ मेन ब्रांच दरभंगा के मैनेजर को भी एतद संबंधित आदेश का अनुपालन करने हेतु निदेशित किया है।

    बताते चलें कि दरभंगा राज के राजकुमार स्व. शुभेश्वर सिंह के पुत्र राजेश्वर सिंह और कपिलेश्वर सिंह ने कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास की ट्रस्टी महारानी अधिरानी कामसुंदरी को ट्रस्टी पद से अयोग्य घोषित करते हुए उन्हें पद से हटाने तथा उन्हें निर्देशित करने कि ट्रस्ट के वास्तविक आय व्यय ,खाता बही दिखाने और दोनों वादी को ट्रस्टी नियुक्त करने के लिए न्यायालय में हकीयत वाद संख्या- 45/1978 संस्थित कराया था। जिसमें सबजज नवम दरभंगा की अदालत ने निर्णय पारित कर निष्पादित कर दिया है।