मिथिला की उक्ति पग-पग पोखरि माछ मखान...के रचयिता आचार्य सोमदेव का पटना में निधन
पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे साहित्यकार प्रो. गौरीशंकर प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ आचार्य सोमदेव । वे दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन महारानी कल्याणी महाविद्यालय में हिंदी विषय के विभागाध्यक्ष भी रहे थे ।

दरभंगा, जागरण संवादाता। मिथिला में सुप्रसिद्ध उक्ति पग-पग पोखरि माछ मखान के रचयिता साहित्यकार प्रो. गौरीशंकर प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ आचार्य सोमदेव का पटना स्थित उनके आवास पर सोमवार को निधन हो गया । वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। आचार्य सोमदेव दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन महारानी कल्याणी महाविद्यालय में हिंदी विषय के विभागाध्यक्ष भी रहे थे। इन्हें "सहसमुखी चौक पर" के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार वर्ष 2002 में मिला था।
मिथिलांचल में शोक की लहर
आचार्य सोमदेव दरभंगा जिला के बिरौल प्रखंड अंतर्गत नेउरी टोला दाथ (जयंतीपुर) गांव के रहने वाले थे। इनके निधन पर गांव सहित पूरे साहित्य जगत में शोक की लहर है। बता दें कि साहित्यकार प्रो. गौरीशंकर प्रसाद श्रीवास्तव साहित्य क्षेत्र मे आचार्य सोमदेव के नाम से विख्यात हैं। मैथिली भाषा में लिखी गई इनकी पंक्ति "पग पग पोखरि माछ मखान मधुर बोल मुस्की मुख पान विद्या वैभव शांति प्रतीक सरितांचल दरभंगा थिक" आज भी काफी प्रचलित है। इनका अंतिम संस्कार पटना के गंगा तट पर किया जाएगा। ये अपने पीछे पुत्र हर्षवर्धन और डा. अमित वर्धन सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। इनके निधन की खबर से मिथिला मे शोक की लहर दौड़ गई है। विद्यापति सेवा संस्थान दरभंगा के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने इनके निधन को मैथिली साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।

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