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    Darbhanga : जिस स्कूल में सपने सजने थे, वहीं चारदीवारी ने बुझा दिया मासूम का जीवन

    By Pramod Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 05:59 PM (IST)

    Bihar Latest News : दरभंगा के कमतौल थाना क्षेत्र के एक मध्य विद्यालय में दीवार गिरने से एक पांच वर्षीय बालक की मौत हो गई। बालक स्कूल के बाहर खेल रहा थ ...और पढ़ें

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    मृतक बच्चे के बिलखते परिजन।

    संवाद सहयोगी, जागरण-कमतौल (दरभंगा) । जिस स्कूल की चारदीवारी के भीतर भविष्य गढ़ने के सपने पलते थे, उसी चारदीवारी ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली। स्कूल परिसर में दीवार गिरने से गंभीर रूप से घायल बालक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

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    हादसे के बाद परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं सुरक्षा व्यवस्था और लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों ने घटना को प्रशासनिक उदासीनता का नतीजा बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

    कमतौल थाना क्षेत्र के करवा तरियानी पंचायत की रजौन गांव स्थित मध्य विद्यालय के उत्तर दिशा की चारदिवारी शनिवार की दोपहर करीब ढाई बजे गिर गई। बाहर खेल रहा स्थानीय दीपक झा का पांच वर्षीय पुत्र ऋषि झा बुरी तरह घायल हो गया।

    जानकारी मिलते ही स्वजन घटनास्थल पर पहुंचे और दीवार के अंदर दबे बालक को बाहर निकाला। स्थानीय स्तर पर उपचार के बाद स्थिति बिगड़ते देख उसे दरभंगा के निजी अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के बाद उसे रेफर किया गया। स्वजन उसे मुजफ्फरपुर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए।

    जहां इलाज के दौरान रविवार की अहले सुबह करीब 3.30 बजे बच्चे की मौत हो गई। स्वजन ने बालक का अंतिम संस्कार कर दिया। वह दो बहनों से छोटा भाई था। इस घटना से गांव में शोक का माहौल है।

    ग्रामीण राजदेव यादव, सुशील साह, शंकर साह, सेवक यादव, उमेश साह, प्रमोद साह, मोहन साह, विनय यादव, राम शंकर सिंह आदि ने बताया कि बच्चे विद्यालय के निकट बाहर खेल रहे थे। उसी दौरान चारदिवारी उसके ऊपर गिर गया। चारदिवारी गिरने के बाद करीब पांच से सात मिनट तक बच्चा उसके अंदर दबा रहा।

    जानकारी मिलने पर जब स्वजन जुटे, तब उसे बाहर निकाला। स्थानीय लोगों ने चारदिवारी के निर्माण और उसके गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस एजेंसी द्वारा कार्य किया गया था, वह बिल्कुल घटिया था। जो पिलर दिया गया था, वह फाल्स पिलर था।

    पिलर के अंदर केवल छड़ बांधकर छोड़ दिया गया था। उसके अंदर बालू गिट्टी भर के ऊपर प्लास्टर कर दिया गया था। चारदिवारी में कोई मजबूती नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ।