प्रधान सचिव के स्तर से हुआ वरीयता का निर्धारण
- सिंहवाड़ा के प्रोजेक्ट बालिका उवि रामपुरा का मामला
- चर्चित मामले में गंगा प्रसाद ठाकुर को माना गया वरीय
सिंहवाड़ा, निप्र : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय रामपुरा के सहायक शिक्षक गंगा प्रसाद ठाकुर को रामकरण चौधरी से वरीय शिक्षक घोषित किया है। बिहार माध्यमिक शिक्षा कार्यालय पटना के ज्ञापांक 269 दिनांक 16 मार्च के जरिए निर्गत पत्र में कहा गया है कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पत्रांक 953 दिनांक 9.11.2011 द्वारा प्रदत्त वरीयता निर्धारण के विरुद्ध शिक्षक गंगा प्रसाद ठाकुर ने अपील अभ्यावेदन समर्पित किया था। मामले की पृष्ठभूमि का अवलोकन करने से जो तथ्य सामने आये हैं उसमें क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के पत्रांक 1120 दिनांक 15.11.2008 के द्वारा राम करण चौधरी को विद्यालय का प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया था। पुन: गंगा प्रसाद ठाकुर द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका 1640/2010 में पारित न्यायादेश के अनुपालन में विभागीय ज्ञापांक 550 (पी) दिनांक 8.11.2010 को निर्गत हुआ। तदालोक में उक्त विद्यालय का प्रभार वरीयतम शिक्षक के रूप में गंगा प्रसाद ठाकुर को ज्ञापांक 1198 दिनांक 18.11.2010 के द्वारा दिया गया परंतु निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने ज्ञापांक 1198 दिनांक 18.11.2010 को रद करते हुए पत्रांक 1120 को प्रभावी यानी रामकरण चौधरी के प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर दावे को सही माना है। उधर गंगा ठाकुर ने अपने आपत्ति अभ्यावेदन में कहा कि विद्यालय में स्थायी प्रधानाध्यापक नियुक्त होने के कारण प्रधानाध्यापक के प्रभार की मामला तो अप्रासंगिक हो गया है किंतु रामकरण चौधरी की तुलना में उनकी वरीयता का निर्धारण किया जाना आवश्यक है। श्री ठाकुर का कथन था कि याचिका संख्या 1640/2010 में द्वितीय याचिकर्ता होने के कारण माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश से पूर्णत: आच्छादित है अत: शारीरिक प्रशिक्षित होने की सीमा उन पर लागू नहीं होगी। नियुक्ति तिथि के संदर्भ में उनका कथन है कि विद्यालय के कर्मियों की सेवा की मान्यता तिथि 01.01.1982 होने के कारण श्री ठाकुर एवं श्री चौधरी की नियुक्ति तिथि सामान है तदनानुसार वरीयता का पैमाना जन्म तिथि ही हो सकती है। शिक्षकों की राज्य स्तरीय वरीयता सूची के क्रम में संख्या 1445 पर अंकित रामकरण चौधरी के सामने नियुक्ति तिथि के रूप में दिनांक 01.01.1982 ही अंकित है जो उधर जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्रांक 924 से भी स्पष्ट है। अब जबकि पटना हाइकोर्ट के आदेश से शारीरिक प्रशिक्षित होने की सीमा की स्थापित किया जा चुका है तो इस आधार पर श्री ठाकुर श्री चौधरी से कनीय माना जाना उचित प्रतीत नहीं होता। अत: आवेदक गंगा ठाकुर को रामकरण चौधरी से वरीय घोषित किया जाता है।
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