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    गले में बने गांठ तो हो जाएं सतर्क : डॉ. सुधाकर ¨सह

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    Updated: Fri, 31 Jul 2015 12:40 AM (IST)

    दरभंगा। ओठ के नीचे दाग है और वह दाग इलाज के बाद भी छूट नहीं रहा है तो यह गंभीर रोग हो सकता है। विशेष

    दरभंगा। ओठ के नीचे दाग है और वह दाग इलाज के बाद भी छूट नहीं रहा है तो यह गंभीर रोग हो सकता है। विशेषज्ञ डाक्टर से इलाज कराएं। गर्दन में गांठ बन गया है। इसमें दर्द नहीं होता है। मुंह में सफेद दाग और लाल-लाल दाना आ गया है। उम्र 50 साल से अधिक है, मूत्र रोग विशेषज्ञ से पेशाब के इलाज के बाद भी उसकी हालत खराब होती जा रही है। ऐसे लक्षण को लेकर सतर्क रहें और प्रारंभिक लक्षण में ही इसका इलाज करा लें। यह सलाह डीएमसीएच के कैंसर विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधाकर ¨सह ने गुरुवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में दूरभाष पर लोगों को दी।

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    प्रश्न : सालों से तम्बाकू का सेवन करते आ रहे हैं। उनके ओठ के नीचे दाग निकल आया है।

    उत्तर : अभी भी तम्बाकू से तौबा करें। इसके लिए कैंसर विशेषज्ञ डाक्टर से मिलें।

    प्रश्न : गर्दन में दर्द विहीन गिल्टी निकल आया है।

    उत्तर : यह लक्षण कई रोग के हो सकते हैं। टीबी व कैंसर रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।

    प्रश्न : आंत का कैंसर तीसरे स्टेज में है। क्या इस स्टेज में उपचार संभव है।

    उत्तर : इस स्टेज में कैंसर का फैलाव रहता है। लेकिन, यह फैलाव आगे नहीं रहता है। इस स्टेज में यह रोग उपचारित है, लेकिन एक सीमित तक ही उपचार योग्य रहता है।

    प्रश्न : क्या बच्चेदानी का कैंसर छूआछूत है।

    उत्तर : यह कैंसर छूआछूत का रोग है, ऐसे रोगी से बचें।

    प्रश्न : पेशाब करने के दौरान तकलीफ होती है। इसके साथ पीठ में दर्द भी रहता है।

    उत्तर : यह परेशानी या लक्षण प्रारंभिक कैंसर का हो सकता है। विशेषज्ञ डाक्टरों से मिलें।

    प्रश्न : खून के साथ खखार और दम फूलता है। टीबी इलाज से भी यह परेशानी दूर नहीं हुई।

    उत्तर : तब यह गंभीर रोग का सूचक है। जांच कराएं।

    इन्होंने पूछे सवाल

    मोहन सहनी मकरंदा, फूल झा घनश्यामपुर, शंभू कुमार भराठी, ज्ञान किशोर ¨सह केवटी, श्रवण कुमार कमतौल, लख न्द्र ठाकुर जाले, सपना कुमारी सोनकी, बहादुर राय ¨सहवाड़ा, मालती देवी सिमरी, किशोर लाल सुंदरपुर, भुवनेश्वर कामत हायाघाट, मो. करीम हायाघाट, नीरज द्विवेदी, लहेरियासराय, मदन साह भरवाड़ा, शंभू पासवान मखनाही, रावत ¨सह बरिऔल।

    ग्रामीण महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे अधिक

    स्तन कैंसर ग्रामीण महिलाओं में सबसे अधिक पाया गया है। जबकि, शहरी महिलाओं में रोग कम है। डीएमसीएच कैंसर रोग विभाग के 10 सालों के एक सर्वेक्षण में यह बातें उभर कर आई है। इस विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधाकर ¨सह ने बताया कि स्तन कैंसर मिथिला क्षेत्र में सबसे अधिक है। इसका कारण बच्चों को स्तनपान से दूर रखना है। इसके अलावा और कई कारण है।

    लक्षण : स्तन में दर्द विहीन गांठ, स्तन के त्वचा का मोटापा, खून रिसाव आदि शामिल है।

    बचाव : बच्चों को नियमित स्तनपान कराएं। तम्बाकू, शराब से आदि ने दूर रहें।

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