जागरण प्रभाव से रौशन दीपक चल पड़ा सपने पूरे करने
बक्सर एक मां के लिए इससे बड़ी टीस क्या होगी जब उसके ढाई साल के बच्चे को देखकर लोग हंस

बक्सर : एक मां के लिए इससे बड़ी टीस क्या होगी, जब उसके ढाई साल के बच्चे को देखकर लोग हंसे, दूसरे बच्चे उसको देख उसका मजाक उड़ाए। बक्सर जिला मुख्यालय से चालीस किलोमीटर दूर सिकरौल के बेलहरी गांव की इन्दू देवी इसी दुख के साए में जी रही थी। तीन बच्चों में उसके सबसे छोटे बेटे दीपक को शारीरिक दोष था और पेट से अतिरिक्त दो हाथ और दो पैर निकले थे। लोग उसे देखते तो गरीब पिता वीरेश और उसके परिवार को सांत्वना देते, लेकिन पीठ पीछे बच्चे पर हंसते थे।
दस साल पहले जब ढाई साल का दीपक रहा होगा, जब जनहित पत्रकारिता का वाहक दैनिक जागरण की नजर उस पर पड़ी और परिवार के दर्द को उजागर करते हुए बच्चे की स्थिति पर खबर छपी। इंटरनेट पर इंग्लैंड में भारतीय लोगों के लिए एनजीओ संचालित करने वाली एक संस्था की नजर खबर पर पड़ी और उन्होंने बच्चे के बारे में जानकारी लेने के लिए दैनिक जागरण से संपर्क किया। एनजीओ के सहयोग से बेंगलुरू में बच्चे का ऑपरेशन हुआ और कई महीने इलाज चला। 2012 में दीपक जब स्वस्थ्य होकर घर लौटा तो उसके घर में दिवाली मनी। आज दीपक 13 साल का हो गया है, सातवीं कक्षा में पढ़ता है, पढ़ने में बेहद होशियार है, अफसर बनना चाहता है। छोड़ दी थी उम्मीद, जागरण ने दिलाई नई जिदगी
दीपक और उसके परिवार के बारे में हालिया जानकारी लेने पर दैनिक जागरण का संवाददाता गांव पहुंचा तो मिलते ही बच्चे के माता-पिता की आंखें नम हो गई। इस दौरान उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों ने भी दैनिक जागरण के प्रति आभार जताया। बच्चे के पिता और मजदूर बीरेश पासवान ने कहा कि जागरण की बदौलत उनके बच्चे को नई जिदगी मिल गई। दीपक की मां ने बताया कि वे लोग सोच भी नहीं सकते थे कि 18-20 लाख रुपये खर्च कर अपने जिगर के टुकड़े का आपरेशन करा सकें। ऐसे में दीपक को उन्होंने भगवान की मर्जी पर छोड़ दिया था, लेकिन आज उसी दीपक से घर रौशन है। समाज भी कर रहा है दीपक पर गर्व
ग्राम कचहरी बेलहरी के सरपंच वीरेंद्र पासवान ने कहा कि जागरण की वजह से आज दीपक सामान्य बच्चों की तरह है और जीवन में कुछ करना चाहता है। सिकरौल पंचायत के पूर्व मुखिया सुनील पासवान, नवीन प्रधान और भाजपा नेता संतोष कुमार दुबे कहते हैं कि यहां जब भी लोग दीपक को देखते हैं तो उन्हें जन सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की याद आती है। बेलहरी के मध्य विद्यालय का छात्र दीपक अपने बुरे वक्त को पीछे छोड़ चुका है, कहता है पढ़-लिख कर अधिकारी बनना चाहता हूं, जिससे मैं भी जरूरतमंदों की मदद कर सकूं।
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दीपक अपने क्लास में तेज तर्रार और होनहार के साथ ही अनुशासित छात्र है। इस पर विद्यालय परिवार को भरोसा है। यह छात्र भविष्य में जरूर बेहतर करेगा।
संजय भारती, प्रधानाचार्य (म.वि. बेलहरी) ।
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