Buxar News: केशोपुर घाट पर गंगा स्नान के दौरान दो युवक डूबे, तीसरे की बची जान; गोताखोरों ने निकाला शव
बक्सर के केशोपुर घाट के समीप गंगा स्नान के क्रम में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। गोताखोरों ने दोनों के शव निकाले हैं। वहीं तीसरे युवक की जान बचा लगी गई। घटना के बाद गंगा घाट पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

सिमरी (बक्सर), संवाद सहयोगी। बक्सर में तिलक राय के हाता ओपी अन्तर्गत केशोपुर हनुमान घाट पर मंगलवार की सुबह गंगा स्नान के क्रम में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। कई घंटे की मशक्कत के बाद इनके शव गंगा से निकाले जा सके। युवकों की पहचान रामोपट्टी गांव निवासी पूर्व उप मुखिया मुन्ना तिवारी के 19 वर्षीय पुत्र हिमांशु कुमार एवं धर्मेंद्र तिवारी के पुत्र दिव्यांशु कुमार के रूप में हुई है।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के मुताबिक, हिमांशु, दिव्यांशु और शशांक गंगा स्नान करने गए थे। घाट पर कपड़ा छोड़ सभी जैसे ही वे गंगा में प्रवेश किए, तीनों डूबने लगे। हालांकि, मौके पर मौजूद लोग शशांक को तो बचा लिए, लेकिन हिमांशु और दिव्यांशु का कोई अता-पता नहीं चल पाया।
घटना की जानकारी जैसे ही गांव तक पहुंची, लोगों का हुजूम गंगा घाट की ओर दौड़ पड़ा। इसी बीच अंचलाधिकारी रजत कुमार सिंह एवं ओपी प्रभारी लालबाबू सिंह स्थानीय गोताखोरों के साथ गंगा घाट पहुंचे और खोजबीन की प्रक्रिया नए सिरे शुरू हुई। तब जाकर दोनों युवकों के शव मिले हैं। घटना की पुष्टि करते हुए थानाध्यक्ष स्मृति कुमारी ने बताया कि शव बरामद करने के बाद उनके परिवारों को सौंप दिया गया है।
स्वजन का हाल बेहाल
अंचल के सिमरी रामोपट्टी गांव निवासी हिमांशु तिवारी एवं दिव्यांशु तिवारी के गंगा नदी में डूबकर मौत के बाद स्वजन का हाल-बेहाल है। माता-पिता के साथ साथ परिवार के अन्य सदस्यों की स्थिति अत्यन्त दयनीय है। सामाजिक स्तर पर आस-पास के लोग व सगे संबंधी उन्हें सांत्वना देने की भरपूर कोशिश कर रहे है, मगर पुत्र के डूबने के दुख में हृदयविदारक क्रंदन थमने का नाम नहीं ले रहा था।
डेंजर जोन बना बीस के डेरा गंगा घाट
केशोपुर हनुमान घाट पूरी तरह डेंजर जोन में तब्दील हो चुका है। आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक इस घाट पर एक दर्जन से अधिक लोगों की डूबकर चुकी है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो स्थानीय प्रशासन द्वारा पक्का घाट बनाने के लिए कई बार जिला प्रशासन को प्रतिवेदन भेजा गया है, बावजूद आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यदि पक्का घाट का निर्माण हो जाता तो इस तरह की घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग जाता। सिमरी पश्चिमी जिला पार्षद आरती देवी, दूल्लहपुर पंचायत के पूर्व मुखिया सुनील सिंह, प्रमोद पाण्डेय सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने तत्काल इस मामले में यथोचित कार्रवाई करने की मांग जिला पदाधिकारी से की है।
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