Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाबूजी हो हमरा के दलाल सात समंदर पार बेच देले बा- दुबई में फंसे बेटे के प‍िता को आखिरी शब्द; फिर आई मौत की खबर

    By Ranjit Kumar PandeyEdited By: Prateek Jain
    Updated: Wed, 02 Aug 2023 01:24 AM (IST)

    बाबूजी हो हमरा के ऐजेंट दुबई में बेच देले बा हमार जान बचा ल... एक सप्ताह पहले 25 जुलाई की देर शाम को मुरार थाना क्षेत्र के आमसारी गांव के कामगार युवक हरेंद्र राम ने शारजाह (दुबई) से ऐप बेस्ड काल पर रोते-बिलखते हुए यह बात कही और बीच में ही आवाज खामोश हो गई। यही नहीं मजदूर युवक का फोन भी स्वि‍च ऑफ हो गया।

    Hero Image
    दुबई में कामगार युवक की मौत के बाद मुरार थाना क्षेत्र के आमसारी गांव में पसरा मातम।

    संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर): बाबूजी हो हमरा के ऐजेंट दुबई में बेच देले बा, हमार जान बचा ल... एक सप्ताह पहले 25 जुलाई की देर शाम को मुरार थाना क्षेत्र के आमसारी गांव के कामगार युवक हरेंद्र राम ने शारजाह (दुबई) से ऐप बेस्ड काल पर रोते-बिलखते हुए यह बात कही और बीच में ही आवाज खामोश हो गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यही नहीं मजदूर युवक का फोन भी स्वि‍च ऑफ हो गया। इसके बाद यहां परिवार के लोगों की बेचैनी बढ़ गई। मोटी रकम लेकर विदेश भेजने वाले कबूतरबाजों का फोन रिसीव नहीं हो रहा था। इसी बीच 29 जुलाई की शाम दुबई से फोन पर मनहूस खबर आया कि हरेंद्र अब इस दुनिया में नहीं है।

    मौत की सूचना मिलते ही यहां युवक के घर में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों को मलाल इस बात का है कि मौत के बाद भी वे अपने बेटे के अंतिम दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इस घटना के बाद आमसारी के अनुसूचित बस्ती में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।

    मृतक के पिता धनदेव राम और खेवली पंचायत के मुखिया राजीव कुमार उर्फ पिंटू सिंह ने कामगार युवक का शव मंगाने के लिए शासन का ध्यान आकृष्ट कराया है, ताकि जिस परिवार के भरण-पोषण के लिए हरेंद्र विदेश गया था, उस बेटे का अंतिम दर्शन कर सके।

    कबूतरबाजों की जाल में कैसे फंसा युवक

    अधिक सैलरी वाली नौकरी और बेहतर जिंदगी जीने की चाहत में बड़े सपने लेकर सात समंदर पार गए युवक हरेंद्र राम कबूतरबाजों के चक्कर में फंस गए।

    कामगार युवक के पिता धनदेव राम ने बताया कि एजेंटों को 66 हजार रुपए देकर पिछले 12 मार्च को शारजाह (दुबई) गए, उस समय एजेंटों द्वारा वहां कारपेंटर के लिए एक हजार रुपये मिलने की बात कही गई, लेकिन वहां जाने के बाद भीषण गर्मी और आग उगलते आसमान के बीच दिन भर मिट्टी कटाई का काम कराया जाता था।

    इसके एवज में हरेंद्र को पांच सौ रुपये मिले, तो उसके होश उड़ गए। कामगार युवक ने यह बात अपने पिता को बताई, तो स्वजन ने विदेश भेजने वाले एजेंटों से बातचीत की, लेकिन वे टाल-मटोल करते रहे।

    बाद में कामगार युवक को पता चला कि उसे एंप्लॉयमेंट वीजा के बदले इसे टूरिज्म वीजा थमाया गया है और वह कंपनी वालों की मर्जी के बिना स्वदेश नहीं लौट सकता है। वहां फंसे युवक अपने परिवारवालों से लगातार रो-रो कर दुखड़ा सुनाते रहा।

    अंततोगत्वा कामगार युवक की वहां मौत कैसे हुई? इसको लेकर स्वजन के मन में शक की सूई घूम रही है। मृतक के पिता ने बताया कि उसका बेटा बड़े अरमान लेकर महज 28 वर्ष की उम्र में सात समंदर पार गया था, लेकिन उसकी मौत के साथ सारे सपने चूर-चूर हो गए। यहां मृतक युवक के स्वजन की आंख की आंसू नहीं सूख रहे हैं।

    स्वजन पर टूटा विपत्ति का पहाड़

    बेहतर जिंदगी जीने की चाहत और भरण-पोषण के लिए सात समंदर पार गए कामगार युवक हरेंद्र की मौत के बाद स्वजन पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है।

    विदेश में पति की मौत की सूचना पाकर पत्नी चंदा देवी बदहवास है, तो माता-पिता और भाइयों के आंख के आंसू नहीं सूख रहे हैं, तो तीन साल का पुत्र भोला और पुत्री काजल कोने में बैठकर सुबक कर रही है। मृतक की पत्नी गर्भवती भी हैं। इस घटना के बाद स्वजन की आंख के आंसू नहीं सूख रहे हैं।